चंडीगढ़ महापौर चुनाव: निष्पक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर विचार कर रहा न्यायालय |

चंडीगढ़ महापौर चुनाव: निष्पक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर विचार कर रहा न्यायालय

चंडीगढ़ महापौर चुनाव: निष्पक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर विचार कर रहा न्यायालय

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Modified Date: January 24, 2025 / 08:53 PM IST
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Published Date: January 24, 2025 8:53 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को यह सुनिश्चित करने के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने पर विचार किया कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ के महापौर के लिए चुनाव ‘‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’’ हो।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने चंडीगढ़ के महापौर एवं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुलदीप कुमार की याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिन्होंने मतदान प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘गुप्त मतदान’’ के बजाय ‘‘हाथ उठाकर’’ मतदान कराए जाने का अनुरोध किया।

पीठ ने कहा, ‘‘30 जनवरी, 2025 को होने वाले चुनाव के लिए एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त करने के सीमित उद्देश्य के वास्ते नोटिस जारी किया जाए। इस बीच, चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी।’’

शीर्ष अदालत ने सुनवाई 27 जनवरी के लिए सूचीबद्ध कर दी और संकेत दिया कि वह चुनाव के लिए पर्यवेक्षक के रूप में उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति कर सकती है।

महापौर की ओर से पेश हुए पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा कि अदालत ‘‘हाथ उठाकर मतदान’’ पर नोटिस जारी कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि पिछले चुनाव के दौरान क्या हुआ था जब यह गुप्त मतदान था और जिसकी सीसीटीवी वीडियो रिकॉर्डिंग हुई थी।’’

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि महापौर ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है और वह इसे सुनिश्चित करेगी।

सिंह ने पिछले साल के महापौर चुनाव का जिक्र किया जब चुनाव अधिकारी द्वारा मतपत्रों को विकृत कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि सदन ने पिछले साल ‘‘हाथ दिखाकर’’ मतदान का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन अब उन्हें सूचित किया गया है कि यह चुनाव ‘‘गुप्त मतदान’’ द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने कुमार को 12 महीने के लिए चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर के रूप में कार्य करने का अधिकार दिया और उनके चुनाव की तारीख 30 जनवरी मानी जब अवैध परिणाम घोषित किए गया था, न कि 20 फरवरी जब अवैध परिणाम को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कुलदीप कुमार को महापौर घोषित किया था।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘यह चुनाव की तारीख होगी जो इस मामले में 30 जनवरी है, न कि 20 फरवरी जब उनका चुनाव बहाल किया गया था। आपको शुरू की तारीख से ही महौपार के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया था, न कि कार्यभार संभालने की तारीख से।’’

पीठ ने सिंह से चुनाव पर्यवेक्षक के लिए एक नाम सुझाने को कहा और चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा।

पिछले साल 20 फरवरी को, शीर्ष अदालत ने विवादास्पद चुनाव के नतीजे को पलटते हुए हारे हुए आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को केंद्र शासित प्रदेश का महापौर घोषित किया था, जब भाजपा उम्मीदवार अप्रत्याशित रूप से विजेता बनकर उभरे थे।

संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव अधिकारी द्वारा घोषित परिणाम स्पष्ट रूप से कानून के विपरीत था।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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