नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) राज्यसभा में वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के आचरण पर क्षोभ व्यक्त करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा आचरण उन लोगों ने किया जिनसे नेतृत्व की अपेक्षा की जाती है। विपक्षी सदस्यों इस पर विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
उच्च सदन में सभापति धनखड़ ने कहा ‘‘सदन में (विपक्षी सदस्यों द्वारा) जिस तरह का आचरण किया गया, वह मेरे लिए बेहद पीड़ादायी है। ’’
उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे वरिष्ठ नेता हैं, वह सदन में विपक्ष के नेता हैं, लेकिन वह आज आसन के समक्ष आ गए।
सभापति ने कहा कि सदन में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी तथा वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक भी आसन के समक्ष आ गए। उन्होंने कहा ‘‘यह बेहद पीड़ादायी आचरण है। हमें नेता प्रतिपक्ष से ऐसे आचरण की उम्मीद करते हैं जो नजीर बने।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘मेरे लिए जो बेहद पीड़ादायी बात है वह यह है कि उन्होंने बाहर जा कर भ्रामक बातें कहीं, बिल्कुल गलत बातें कहीं, बिल्कुल झूठ कहा। उन्होंने जो कहा वह विरोधाभासी है। ’’
सभापति ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर की गरिमा पर आघात पहुंचाया गया, उसे तार-तार किया गया और वरिष्ठों के सदन में यह सब उन्होंने किया जिनसे नेतृत्व की अपेक्षा की जाती है।
इस पर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।
इससे पहले सभापति ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे स्वयं आसन के समक्ष आ गये जो पहले कभी नहीं हुआ।
सभापति ने यह टिप्पणी उस समय की जब विपक्ष के सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे।
विपक्षी सदस्य आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) से जुड़ी कथित अनियमितताओं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ‘नाकामी’ और पेपर लीक से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पर हंगामा कर रहे थे।
भाषा
मनीषा माधव
माधव
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