केंद्र का प्रस्ताव : इलाहाबाद उच्च न्यायालय आगरा, मेरठ से वीडियो कांफ्रेंस से करे सुनवाई |

केंद्र का प्रस्ताव : इलाहाबाद उच्च न्यायालय आगरा, मेरठ से वीडियो कांफ्रेंस से करे सुनवाई

केंद्र का प्रस्ताव : इलाहाबाद उच्च न्यायालय आगरा, मेरठ से वीडियो कांफ्रेंस से करे सुनवाई

:   Modified Date:  July 25, 2024 / 12:41 PM IST, Published Date : July 25, 2024/12:41 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) केंद्र ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कुछ मामलों की मेरठ और आगरा से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करने का प्रस्ताव भेजा है तथा उसे उम्मीद है कि इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी।

कानून एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय सबसे पुराना उच्च न्यायालय है, इसमें कोई शक नहीं है। इसकी पीठ मेरठ और आगरा में स्थापित हो, यह विषय लंबे समय से चल रहा है।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ‘ई-कोर्ट प्रोजेक्ट-तृतीय’ के माध्यम से ऐसा प्रयास कर रही है।

मेघवाल ने कहा, ‘‘हमने (इलाहाबाद उच्च न्यायालय के) मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि कुछ सुनवाई मेरठ से की जा सकती है, आगरा से की जा सकती है। उसका (पत्र का) जवाब अभी आया नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सकारात्मक उत्तर आने की संभावना है।’’

मेघवाल ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने के प्रश्न पर कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव अभी सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।

इससे पहले कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने सरकार से जानना चाहा कि सरकार जब सर्किट बेंच या क्षेत्रीय पीठ बनाने पर विचार करेगी तो क्या वह देश के सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक इलाहाबाद उच्च न्यायालय की क्षेत्रीय पीठ बनाने पर विचार करेगी?

उन्होंने यह भी पूरक प्रश्न किया था कि क्या सरकार उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 62 से बढ़ा कर 65 वर्ष और 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष करने पर विचार करेगी, वेतन एवं भत्तों के साथ?

भाषा माधव मनीषा माधव नरेश

नरेश

 

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