केंद्र ने कर्नाटक सरकार को मदरसा खाली कराने का निर्देश देने का उच्च न्यायालय से अनुरोध किया |

केंद्र ने कर्नाटक सरकार को मदरसा खाली कराने का निर्देश देने का उच्च न्यायालय से अनुरोध किया

केंद्र ने कर्नाटक सरकार को मदरसा खाली कराने का निर्देश देने का उच्च न्यायालय से अनुरोध किया

:   Modified Date:  November 14, 2024 / 03:24 PM IST, Published Date : November 14, 2024/3:24 pm IST

बेंगलुरु, 14 नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय से श्रीरंगपटना के ऐतिहासिक जामा मस्जिद परिसर में स्थित मदरसे को खाली कराने का मांड्या जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है।

वक्फ बोर्ड ने इस कदम का विरोध करते हुए मस्जिद को अपनी संपत्ति करार दिया है और वहां मदरसा के संचालन के अधिकार का बचाव किया है।

कनकपुरा तालुक के कब्बालू गांव के अभिषेक गौड़ा नामक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका के बाद यह मामला मुख्य न्यायाधीश एन. वी. अंजारिया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। याचिका में मस्जिद के भीतर “अनधिकृत रूप से मदरसा गतिविधियों” के संचालन का आरोप लगाया गया है।

केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. अरविंद कामथ ने दलील दी कि जामा मस्जिद को 1951 में संरक्षित स्मारक के रूप में नामित किया गया था, लेकिन अब भी वहां अनधिकृत मदरसा का संचालन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण अब तक किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जा सका है।

कामथ ने अदालत से मांड्या जिला प्रशासन को कार्रवाई करने और मस्जिद से मदरसा हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया। राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड के वकीलों ने इस अनुरोध का विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि वक्फ बोर्ड को 1963 से संपत्ति के मालिक के रूप में मान्यता दी गई है और इस प्रकार, वहां मदरसा गतिविधियों का संचालन करना वैध है।

खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख निर्धारित की। उसी दिन आगे की बहस जारी रहेगी।

भाषा सुरेश रंजन

रंजन

 

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