केंद्र ने गंगा जल संधि की समीक्षा पर ममता के दावे को खारिज किया |

केंद्र ने गंगा जल संधि की समीक्षा पर ममता के दावे को खारिज किया

केंद्र ने गंगा जल संधि की समीक्षा पर ममता के दावे को खारिज किया

:   Modified Date:  June 24, 2024 / 11:38 PM IST, Published Date : June 24, 2024/11:38 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) बांग्लादेश के साथ गंगा जल संधि की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल से परामर्श किया गया था। केंद्र के सूत्रों ने सोमवार को यहां यह जानकारी देते हुए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे को खारिज कर दिया कि राज्य को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया था।

सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग के संयुक्त सचिव (कार्य) ने अप्रैल में फरक्का बैराज के निचले हिस्से से अगले 30 वर्षों के लिए राज्य की कुल मांग के बारे में जानकारी दी थी।

भारत और बांग्लादेश ने 1996 में गंगा जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। तीस वर्षों की यह संधि 2026 में समाप्त होने वाली है, लेकिन आपसी सहमति से इसे बढ़ाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि भारत और बांग्लादेश 1996 की संधि के नवीनीकरण के लिए तकनीकी स्तर की वार्ता शुरू करेंगे।

मोदी को लिखे पत्र में बनर्जी ने दावा किया था कि संधि के नवीनीकरण के लिए वार्ता शुरू करने का निर्णय “एकतरफा” था और उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि पश्चिम बंगाल सरकार को शामिल किए बगैर बांग्लादेश के साथ ऐसी कोई चर्चा न की जाए।

केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने पिछले साल 24 जुलाई को फरक्का में गंगा/गंगा जल बंटवारे पर 1996 की भारत-बांग्लादेश संधि की आंतरिक समीक्षा के लिए समिति में पश्चिम बंगाल सरकार के एक प्रतिनिधि को शामिल करने को कहा था।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछले साल 25 अगस्त को सिंचाई एवं जलमार्ग निदेशालय में मुख्य अभियंता (डिजाइन एवं अनुसंधान) के नामांकन की सूचना समिति को दी थी।

भाषा प्रशांत खारी

खारी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)