‘जल जीवन मिशन’ योजना में केंद्र ने बड़ा कुप्रबंधन किया: कांग्रेस |

‘जल जीवन मिशन’ योजना में केंद्र ने बड़ा कुप्रबंधन किया: कांग्रेस

‘जल जीवन मिशन’ योजना में केंद्र ने बड़ा कुप्रबंधन किया: कांग्रेस

:   Modified Date:  October 4, 2024 / 05:27 PM IST, Published Date : October 4, 2024/5:27 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की प्रमुख योजना ‘जल जीवन मिशन’ के लिए धन आवंटन पूरी तरह अपर्याप्त है तथा इसका लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि इस योजना में केंद्र के स्तर पर बड़ा कुप्रबंधन हुआ है।

‘जल जीवन मिशन’ का लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वर्ष 2019 के अगस्त महीने में प्रधानमंत्री ने बड़ी धूमधाम से ‘जल जीवन’ मिशन की घोषणा की थी। इसके तहत मार्च 2024 तक देश के सभी घरों में नल से पीने का पानी उपलब्ध कराने का वादा था।’’

उनका कहना था, ‘‘यह समय सीमा सात महीने पहले ही पूरी हो चुकी है। इसके बाद भी लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है। ज्यादा चिंता की बात यह है कि अब यह सामने आ रहा है कि योजना की लागत प्रारंभिक अनुमानों से दोगुनी हो गई है, जबकि धन आवंटन पूरी तरह से अपर्याप्त है।’’

कांग्रेस ने दावा किया कि इस योजना की प्रगति रुक गई है क्योंकि राज्य सरकारें केंद्र की तरफ़ से होने वाली मामूली वित्तपोषण के बीच निवेश जारी रखने में असमर्थ हैं, भले ही केंद्र सरकार 50-60 प्रतिशत लागत वहन करने के लिए सहमत हुई है।

रमेश के अनुसार, ‘‘मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 7,671.6 करोड़ का बजट रखा, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल 4044.7 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। काम रुका हुआ है और देश भर में हज़ारों करोड़ रुपये के भुगतान लंबित हैं। इस मामले पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (मोहन यादव) समेत कई मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।’’

कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘‘यह बहुत बड़ा कुप्रबंधन है। शुरुआत में लागतों को बेहद पर कम करके आंका गया था। पिछले पांच वर्षों में इस योजना के तहत जितनी तेज़ी से कम होना चाहिए था उस‌के मुकाबले बेहद कम प्रगति हुई है। अब हम प्रधानमंत्री की प्रमुख योजनाओं में से एक में धन की कमी देख रहे हैं।’’

रमेश ने सवाल किया, ‘‘क्या यह सिर्फ़ सरकार की अक्षमता को दिखाता है या 4 जून, 2024 को स्वयंभू परमात्मा के अवतार को मिले तगड़े झटके के लिए भारत के सबसे ग़रीब मतदाताओं से प्रतिशोध लेने का एक भयावह प्रयास है?’’

भाषा हक

हक माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)