चारधाम परियोजना और उत्तराखंड आपदा को जोड़ने वाले पत्र पर केंद्र को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी गई | Centre allowed to file reply on letter linking Chardham project and Uttarakhand disaster

चारधाम परियोजना और उत्तराखंड आपदा को जोड़ने वाले पत्र पर केंद्र को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी गई

चारधाम परियोजना और उत्तराखंड आपदा को जोड़ने वाले पत्र पर केंद्र को जवाब दाखिल करने की अनुमति दी गई

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 PM IST
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Published Date: February 17, 2021 11:36 am IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड में कुछ दिनों पहले आई आपदा को सड़क चौड़ा करने के कार्य से जोड़े जाने संबंधी चारधाम परियोजना पर समिति के अध्यक्ष के आरोपों को लेकर केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए बुधवार को अनुमति दे दी।

उत्तराखंड में हिमस्खल के कारण धौलीगंगा नदी में आई अचानक बाढ़ के चलते तपोवन जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है।

अटार्नी जनरल (महान्यायवादी) के.के. वेणुगोपाल ने शीर्ष न्यायालय से कहा कि वह उच्च अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष के पत्र का जवाब दाखिल करेंगे।

दरअसल, सड़क को चौड़ा करने से जुड़े और राज्य में आई हालिया आपदा के बारे में कई ‘‘आरोप’’ पत्र में लगाये गये हैं।

समिति, उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा तक सड़कों को चौड़ा करने पर चारधाम राजमार्ग परियोजना की निगरानी कर रही है।

वेणुगोपाल ने कहा कि उच्च अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने सरकार को लिखे अपने पत्र में (हालिया) आपदा का संबंध चारधाम परियोजना से होने का जिक्र किया है।

उनकी दलील पर गौर करते हुए न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा, ‘‘आप इस पर जवाब दाखिल करिए।’’ साथ ही, पीठ ने विषय की सुनवाई दो हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध कर दी।

रणनीतिक महत्व की 900 किमी लंबी चारधाम राजमार्ग परियोजना यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक बारहमासी सड़क संपर्क मुहैया करेगी।

शीर्ष न्यायालय ने 18 जनवरी को संबद्ध पक्षों से कहा था कि उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर यदि उन्हें कोई आपत्ति है, तो वे अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं।

केंद्र ने न्यायालय से 21 सदस्यीय समिति की बहुमत वाली रिपोर्ट स्वीकार करने का अनुरोध किया था, जिसमें (रिपोर्ट में) यह सिफारिश की गई थी कि रणनीतिक जरूरतों और बर्फ हटाने की आवश्यकता पर विचार करते हुए दो ‘लेन’ वाली सड़क बनाई जाई।

भाषा सुभाष उमा

उमा

 

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