मेदिनीनगर, 16 दिसंबर (भाषा) झारखंड की कृषि मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय योजनाओं को राज्य में तब तक ‘‘आंख मूंदकर’’ लागू नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि उनके क्रियान्वयन के दौरान उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का समाधान नहीं हो जाता।
एक उदाहरण देते हुए तिर्की ने दावा किया कि भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण झारखंड के हित में नहीं है और उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से चर्चा की है।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने विधानसभा में भी इसका विरोध किया था, खासकर अधिसूचित क्षेत्रों में इसके कार्यान्वयन के संबंध में।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भूमि अभिलेख दस्तावेज (खतियान) बहुत खराब स्थिति में हैं, और इससे कई सामाजिक समस्याएं पैदा होती हैं।’’
तिर्की ने कहा, ‘‘भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के बावजूद, कई लोगों को अभी भी रसीदें नहीं मिली हैं, जिससे और जटिलताएं पैदा हुई हैं।’’
पलामू की अपनी यात्रा के दौरान तिर्की ने अधिकारियों के साथ बैठकों की अध्यक्षता की और उन्हें छोटे किसानों के लिए योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
अभिलेखों के डिजिटलीकरण के प्रति अपना विरोध दोहराते हुए उन्होंने कहा कि इससे किसानों को अनावश्यक परेशानी हो रही है।
भाषा शफीक संतोष
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