Waqf Act Amendment Bill : नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार समय समय पर बड़े फैसले लेती रहती है। वहीं अब एक बार फिर मोदी सरकार वक्फ बोर्ड को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल, सरकार बोर्ड के उस अधिकार को कम करना चाहती है जिसके तहत वो किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित करके उस पर नियंत्रण कर सकता है। शुक्रवार शाम को कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम (2013 से पहले वक्फ अधिनियम के रूप में जाना जाता है) में 40 से अधिक संशोधनों पर चर्चा की। इनमें वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच करने वाले संशोधन भी शामिल हैं, जिन्हें कई लोग मनमाना मानते हैं
Waqf Act Amendment Bill : सूत्रों के अनुसार, विधेयक में वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधन प्रस्तावित किए जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह भी कहा कि विधेयक को शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, विधेयक में अधिनियम की कुछ धाराओं को निरस्त करने का प्रस्ताव है, जिसका मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों के पास मौजूद मनमानी शक्तियों को कम करना है।
इस कानून के जरिए केंद्र सरकार बोर्ड की निरंकुशता को खत्म करना चाहता है।
विधेयक के जरिए बोर्ड में अधिक पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल है। महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वक्फ बोर्डों की संरचना और कार्यप्रणाली में बदलाव करने के लिए धारा 9 और धारा 14 में संशोधन हो सकता है।
विवादों को सुलझाने के लिए वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा।
वक्फ संपत्तियों की निगरानी में मजिस्ट्रेट शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार 5 अगस्त को वक्फ एक्ट में संशोधन विधेयक को संसद में पेश कर सकती है। 5 अगस्त की तारीख मोदी सरकार के लिए विशेष महत्व रखती है। क्योंकि 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को हटाने का विधेयक संसद में पेश किया गया था। इसके बाद, 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया था।
साल 1954 में जवाहर लाल नेहरू की सरकार के समय वक्फ एक्ट (Waqf Act 1954) पास किया गया, जिसका मकसद वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना और तमाम प्रावधान करना था। इस एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे से लेकर रख-रखाव तक को लेकर प्रावधान हैं। इस एक्ट में दिये गए प्रावधानों के मुताबिक साल 1964 में अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Board) का गठन हुआ। यह वक्फ बोर्डों के कामकाज के मामलों में एक तरीके से केंद्र सरकार को सलाह देती है। साल 1995 में वक्फ एक्ट (Waqf Act) में बदलाव भी किया गया और हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई।
वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्तियों को लेकर विवाद नया नहीं हैं। अंग्रेजों के जमाने से लड़ाई चलती आ रही है। अंग्रेजी शासनकाल के दौरान वक्फ की संपत्ति पर कब्जे को लेकर विवाद बढ़ा कि यह लंदन स्थित प्रिवी काउंसिल तक पहुंचा। इसके बाद ब्रिटेन में चार जजों की बेंच बैठी और वक्फ को अवैध करार दे दिया। हालांकि इस फैसले को ब्रिटिश भारत की सरकार ने नहीं माना। मुसलमान वक्फ वैलिडेटिंग एक्ट 1913 लाकर वक्फ बोर्ड को बचा लिया।