नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के पर्यावरण मामले के एक वरिष्ठ अभियंता के परिसर से 2.39 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है जिन्हें इसके पहले कथित तौर पर 91 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अभियंता मोहम्मद आरिफ और कथित तौर पर रिश्वत देने वाले किशलय शरण सिंह की गिरफ्तारी की औपचारिकताएं चल रही हैं।
सीबीआई ने आरिफ, सिंह, उनके पिता और बिचौलिए भगवत शरण सिंह और दो व्यापारियों – राम इलेक्ट्रोप्लेटर्स के मालिक राज कुमार चुघ और एमवीएम के गोपाल नाथ कपूरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरिफ भ्रष्ट आचरण में लिप्त रहा है और निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों से उनकी कंपनियों के लिए डीपीसीसी से पुन: मंजूरी दिलाने में सहयोग करने की एवज में रिश्वत ले रहा है।
आरोप के अनुसार, उसने कथित तौर पर भगवत शरण सिंह के साथ साजिश रची, जिसने डीपीसीसी से संबंधित मामलों में कंपनियों के लिए बिचौलिए और सलाहकार के रूप में काम किया।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘उक्त बिचौलिया कथित तौर पर उक्त लोक सेवक के निर्देश पर कंपनियों से रिश्वत की रकम एकत्र करता और फिर उसे नियमित अंतराल पर उसे सौंपता था।’’
संघीय एजेंसी ने आरोप की जांच की। इसके बाद एजेंसी ने जाल बिछा कर आरिफ और किशलय शरण सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
भाषा संतोष मनीषा
मनीषा
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)