नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2018 में कई बैंक अंतरण में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के लिए गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एनवायरोनिक्स ट्रस्ट के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।
यहां एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने एनवायरोनिक्स ट्रस्ट (ईटी), वनिता श्रीधर, निशांत कुमार अलग और प्रशांत कुमार पैकरे को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 417, 468 और 471 तथा एफसीआरए के प्रावधानों के तहत आरोपी बनाया है।
मामले में ईटी का जवाब नहीं मिल पाया है।
करीब एक साल की जांच के बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ईटी ने खर्च दिखाने के लिए अपने एफसीआरए रिटर्न में एमएए प्लास्टो नामक कंपनी के 6.50 लाख रुपये और 4 लाख रुपये के दो जाली बिल पेश किए।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने बिल जारी नहीं किए थे, लेकिन एनजीओ ने विदेशी फंड के उपयोग के लिए दाखिल रिटर्न में उन्हें दिखाया। सीबीआई ने विशेष अदालत को यह भी बताया कि ये बिल मूल रूप से आयकर विभाग के पास हैं और उसने बार-बार याद दिलाने के बावजूद उन्हें एजेंसी के साथ साझा नहीं किया है।
विशेष अदालत ने आयकर विभाग को एमएए प्लास्टो के दोनों बिल मूल रूप में जांच अधिकारी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। सीबीआई ने एनजीओ द्वारा प्राप्त विदेशी धन के इस्तेमाल में एफसीआरए नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत पर प्रारंभिक जांच शुरू करने के बाद 2023 में ईटी के खिलाफ कार्रवाई की।
अपनी प्राथमिकी में सीबीआई ने आरोप लगाया कि ईटी ने ओडिशा के ढिंकिया में जेएसडब्ल्यू संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन को वित्त पोषित किया।
भाषा आशीष माधव
माधव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)