नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 117 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में बुधवार को दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में 10 ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र से मिली शिकायत के आधार पर दर्ज किये गये मामले की जांच के तहत यह छापेमारी की गयी।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि अज्ञात संगठित साइबर अपराधी एवं संदिग्ध विदेशी ठग पूरे भारत में सुनियोजित वित्तीय ठगी में लगे हुए हैं।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘अब तक की जांच से खुलासा हुआ है कि विदेशों से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे ये ठग भारत में लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए वेबसाइट, व्हाट्सअप और टेलीग्राम का इस्तेमाल करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे लोगों को अंशकालिक नौकरी घोटालों, प्रारंभिक निवेश पर ऊंचे ‘रिटर्न’ के वादे के माध्यम से लोगों को लुभाते हैं। पीड़ितों द्वारा जमा की गयी रकम को ‘म्यूल अकाउंट’ के नेटवर्क के जरिए शीघ्र इस तरह अंतरित किया जाता है कि उसके मूल स्रोत का पता न चले।’’
‘म्यूल’ बैंक खाता किसी दूसरे व्यक्ति का ऐसा खाता होता है जिसका इस्तेमाल खाताधारक की अनभिज्ञता में वित्तीय गड़बड़ियों के लिए किया जाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि गुरुग्राम में दो और राष्ट्रीय राजधानी में आठ ठिकानों पर की गयी तलाशी के दौरान 10 व्यक्तियों के परिसरों से इलेक्ट्रोनिक उपकरण एवं वित्तीय रिकार्ड समेत ‘अभियोजन योग्य’ सबूत जब्त किये गये। उन्होंने बताया कि इन व्यक्तियों के ठगी में शामिल होने का संदेह है।
भाषा
राजकुमार देवेंद्र
देवेंद्र
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