शिवकुमार के खिलाफ मामला: अदालत के आदेश के खिलाफ अपील पर न्यायालय ने भाजपा विधायक से सवाल पूछा |

शिवकुमार के खिलाफ मामला: अदालत के आदेश के खिलाफ अपील पर न्यायालय ने भाजपा विधायक से सवाल पूछा

शिवकुमार के खिलाफ मामला: अदालत के आदेश के खिलाफ अपील पर न्यायालय ने भाजपा विधायक से सवाल पूछा

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Modified Date: January 29, 2025 / 10:28 PM IST
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Published Date: January 29, 2025 10:28 pm IST

नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सहमति वापस लेने को चुनौती देने के सिलसिले में भाजपा विधायक बसनगौड़ा आर पाटिल (यतनाल) से सवाल किए।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के. परमेश्वर से कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता राजनीतिक लाभ के लिए उच्चतम न्यायालय में आए हैं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने पूछा, ‘‘आप यहां क्यों हैं? राजनीतिक लाभ के लिए?’’

परमेश्वर ने कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है और यह मुद्दा राजनीतिक नहीं है क्योंकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अपील दायर की है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आय से अधिक संपत्ति का मामला है, जहां राज्य सरकार ने सीबीआई को उस व्यक्ति की जांच करने से रोकने के लिए सामान्य सहमति वापस ले ली, जो अब राज्य का उपमुख्यमंत्री है। पूरे सम्मान के साथ कहते हैं कि ऐसा नहीं हो सकता।’’

सीबीआई की ओर से पेश अधिवक्ता कनु अग्रवाल ने कहा कि अदालत एजेंसी को मामले में कानून के सवाल पर दलील दाखिल करने की अनुमति दे सकती है।

पीठ ने समय की कमी के कारण मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

पिछले साल 17 सितंबर को शीर्ष अदालत ने शिवकुमार और राज्य सरकार से उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को दी गई मंजूरी वापस लेने के खिलाफ याचिका पर जवाब मांगा था।

पाटिल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 29 अगस्त, 2024 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सहमति वापस लेने के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए सहमति वापस लेने के कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई द्वारा दायर याचिका को विचार योग्य नहीं बताया था।

उसने राज्य सरकार के 26 दिसंबर, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 74.93 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले को जांच के लिए लोकायुक्त को भेजा गया था।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शिवकुमार ने 2013 और 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। इस अवधि के दौरान वह पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।

बाद में, जब राज्य में भाजपा सत्ता में आई, तो उसकी सरकार ने शिवकुमार पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी।

सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली वर्तमान कर्नाटक सरकार ने 23 नवंबर, 2023 को कहा था कि शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच के लिए सीबीआई को मंजूरी देने का पूर्ववर्ती भाजपा सरकार का कदम कानून के अनुसार नहीं था और उसने मंजूरी वापस लेने का फैसला किया था।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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