बेंगलुरु, 22 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट जिसे जातिगत जनगणना के रूप में भी जाना जाता है, पर मंत्रिमंडल की अगली बैठक में चर्चा होने की संभावना है।
उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न समुदायों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को तोड़ना होगा और यदि आवश्यकता हुई तो कर्नाटक सरकार अन्य राज्यों की तरह इस पर चर्चा करेगी और निर्णय लेगी।
परमेश्वर ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने कहा है कि जाति जनगणना रिपोर्ट मंत्रिमंडल की अगली बैठक में रखी जाएगी और इसके पक्ष-विपक्ष पर चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। संभवतः मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इसे पेश किया जाएगा। हम इस पर चर्चा करेंगे।’’
उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वेक्षण में करीब 160 करोड़ रुपये खर्च किए गए और अगर रिपोर्ट लोगों के सामने नहीं रखी गई तो यह बेकार हो जाएगी तथा लोगों को कम से कम यह तो पता होना चाहिए कि इसमें क्या है। मंत्री ने कहा, ‘‘अगर इसे सार्वजनिक नहीं किया गया तो हमारी सरकार और मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए जाएंगे कि हमने रिपोर्ट को दबा दिया…।’’
मंत्रिमंडल की अगली बैठक 28 अक्टूबर को होने वाली है।
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपने तत्कालीन अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े के नेतृत्व में 29 फरवरी को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी थी। समाज के कुछ वर्गों और सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर भी इसके क्रियान्वयन को लेकर आपत्ति जताई गई थी।
कर्नाटक के दो प्रमुख समुदायों-वोक्कालिगा और लिंगायत ने सर्वेक्षण पर आपत्ति जताते हुए इसे ‘‘अवैज्ञानिक’’ बताया तथा मांग की कि इसे खारिज किया जाए तथा नया सर्वेक्षण कराया जाए।
दो प्रभावशाली समुदायों की ओर से कड़ी आपत्ति के साथ, यह सर्वेक्षण रिपोर्ट कांग्रेस नीत सरकार के लिए राजनीतिक रूप से एक बड़ा मुद्दा बन सकती है, क्योंकि इससे टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है तथा दलित और अन्य पिछड़े वर्ग के लोग इसे सार्वजनिक करने की मांग कर सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से हैं। उन्होंने अन्य कुछ मंत्रियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को समुदाय द्वारा सौंपे गए ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अनुरोध किया गया कि आंकड़ों सहित रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया जाए।
वीरशैव-लिंगायतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने भी सर्वेक्षण पर अपनी असहमति जताई है और नए सिरे से सर्वेक्षण कराने की मांग की है। इस महासभा के अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक एस शिवशंकरप्पा हैं। कई लिंगायत मंत्रियों और विधायकों ने भी इस पर आपत्ति जताई है।
भाषा आशीष नरेश
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