बजट बंगाल विरोधी व आम लोगों के खिलाफ, सिर्फ दो राज्यों को मिली तरजीह : तृणमूल |

बजट बंगाल विरोधी व आम लोगों के खिलाफ, सिर्फ दो राज्यों को मिली तरजीह : तृणमूल

बजट बंगाल विरोधी व आम लोगों के खिलाफ, सिर्फ दो राज्यों को मिली तरजीह : तृणमूल

:   Modified Date:  July 25, 2024 / 04:44 PM IST, Published Date : July 25, 2024/4:44 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस सदस्य समीरुल इस्लाम ने आरोप लगाया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पिछले दिनों संसद में पेश केंद्रीय बजट जन-विरोधी और बंगाल-विरोधी है तथा यह सिर्फ दो राज्यों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है ताकि सरकार सुरक्षित रहे।

इस्लाम ने उच्च सदन में आम बजट 2024-25 और जम्मू कश्मीर के बजट पर संयुक्त चर्चा में भाग लेते हुए यह टिप्प्णी की। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह केंद्रीय बजट नहीं बल्कि दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए बजट है। उन्होंने कहा कि यह बजट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगियों के लिए है ताकि सरकार बचायी जा सके।

तृणमूल सदस्य ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए दावा कि उनके राज्य पश्चिम बंगाल की लगातार अनदेखी की जा रही है और राज्य के करोड़ों रुपये के बकाए का भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण पर ध्यान नहीं दे रही है जबकि कुल कार्यबल में एक बड़ा हिस्सा प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का है।

इस्लाम ने सरकार से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए नयी योजना शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ‘‘जो हमारे साथ, हम उसके साथ’’ की बात करने वाले भाजपा के एक विधायक के बयान से पार्टी का पर्दाफाश हो गया है।

चर्चा में भाग लेते हुए अन्नाद्रमुक सदस्य सीवी षणमुगम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि बजट में तमिलनाडु के लिए कोई नयी योजना नहीं है और उसे पर्याप्त आवंटन नहीं मिला है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु एक विकसित राज्य है लेकिन उसे ‘जीएसटी’ व्यवस्था के कारण परेशानी हो रही है।

उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत की विभिन्न नदियों को जोड़ने की मांग करते हुए कहा कि इस संबंध में बजट में कोई चर्चा नहीं है।

कांग्रेस की रजनी पाटिल ने मराठी भाषा में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बजट में महाराष्ट्र का एक बार भी नाम नहीं लिया और उसके बाद राज्य का नाम बार-बार ले रहे हैं। उन्होंने भी आरोप लगाया कि इस बजट में दो राज्यों को विशेष तरजीह दी गयी है।

उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई जैसे विभिन्न मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि आम आदमी इससे परेशान है और सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं।

द्रमुक सदस्य मोहम्मद अब्दुल्ला ने बजट का विरोध करते हुए कहा कि यह बेमेल गठबंधन की सरकार है और इसका असर बजट में भी दिखा है। उन्होंने कहा कि यह बजट पूरे देश का नहीं बल्कि दो राज्यों के लिए है और इसमें आम लोगों की चिंताओं पर गौर नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह बजट सीमित लोगों के लिए है और तमिलनाडु की मांगों पर गौर नहीं किया गया। उन्होंने नीट परीक्षा से जुड़े विवाद के संदर्भ में कहा कि केंद्र द्वारा आयोजित ऐसी परीक्षाएं खत्म होनी चाहिए और राज्यों को ही अपनी परीक्षाएं करने का मौका दिया जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारी और महंगाई सहित विभिन्न विषयों से जुड़े अप्रिय आंकड़ों को छिपा रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास नहीं करना चाहिए और न ही मुसलमानों की देशभक्ति पर शक करना चाहिए।

भाषा अविनाश माधव

माधव

 

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