चंडीगढ़, पांच सितंबर (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमृतसर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) के लिए, 93 बसों की खरीद के सिलसिले में प्रस्ताव प्रस्तुत करने की समयसीमा का पालन नहीं करने के कारण केंद्रीय सहायता से इनकार कर दिया गया।
मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट बुधवार को तीन दिवसीय सत्र के अंतिम दिन पंजाब विधानसभा में पेश की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, शहरी विकास मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत शहरी परिवहन प्रणाली के लिए बसों की खरीद के वास्ते आर्थिक सहायता के सिलसिले में अगस्त 2013 में दिशा-निर्देश जारी किए थे।
राज्य सरकारों को केंद्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) से परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का निर्देश दिया गया था।
राज्य सरकारों को पहली किस्त जारी कराने के लिए मंजूरी के दो महीने में शर्तों को पूरा करना आवश्यक था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मिशन के तहत एक से 40 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए बसों की खरीद की वास्तविक लागत का पचास प्रतिशत प्रतिपूर्ति के तौर पर उपलब्ध कराया जाना था।
पंजाब सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2013 में पंजाब बस मेट्रो सोसायटी की स्थापना की थी।
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, सोसायटी के रिकॉर्ड से पता चलता है कि 93 बसों की खरीद के लिए बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) अमृतसर की डीपीआर को 27 सितंबर, 2013 को मंजूरी दी गई थी, लेकिन सोसायटी ने इसे लगभग तीन महीने के अंतराल के बाद दिसंबर 2013 में भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समयसीमा का पालन करने में विफल रहने पर पंजाब को अमृतसर में बीआरटीएस के लिए केंद्र सरकार की ओर से सहायता नहीं मिली।
भाषा
जोहेब मनीषा
मनीषा
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