नई दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) वाईएसआर के नाम से प्रसिद्ध आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर येदुगुड़ी संदिंती राजशेखर रेड्डी का शव 2009 में तीन सितंबर के दिन ही मिला था। उन्हें लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर दो सितंबर को नल्लामल्ला के जंगलों में लापता हो गया था और अगले दिन तीन सितंबर को करनूल से कुछ दूरी पर स्थित रूद्रकोंडा की पहाड़ी पर उनका क्षत-विक्षत शव मिला।
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रेड्डी के साथ हेलीकॉप्टर से जा रहे चार अन्य लोगों की भी इस हादसे में मौत हो गई थी। उनके लापता हेलीकॉप्टर की खोज के लिए भारत का सबसे बड़ा खोज अभियान चला था जिसमें वायुसेना के कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान तथा थर्मल इमेजिंग प्रणाली से लैस सुखोई 30 एमकेआई विमान भी शामिल थे।
इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भी उपग्रह के जरिए इस अभियान में हिस्सा लिया था। अभियान के लिए केंद्र ने सी आर पी एफ के पांच हजार कर्मियों को भेजा था और जंगल के चप्पे-चप्पे से वाकिफ नक्सल रोधी बल ग्रेहाउंड्स को भी इस अभियान में लगाया गया था।
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अगले दिन (3 सितंबर) लगभग 24 घंटे बाद वायुसेना के एमआई-8 हेलीकाप्टर ने दुर्घनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे का पता लगाया। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने तथा इसमें सवार रेड्डी सहित सभी पांच लोगों की मृत्यु हो जाने की पुष्टि की।
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