Black box found in CDS helicopter crash .. what is black box after all?

CDS के हेलीकॉप्टर क्रैश का मिला ब्लैक बॉक्स.. आखिर क्या होता है ब्लैक बॉक्स? कैसे बताता है प्लेन या हेलीकॉप्टर क्रैश के राज.. जानिए

Black box found in CDS helicopter crash .. what is black box after all?

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 PM IST
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Published Date: December 9, 2021 2:20 pm IST

Black Box Of MI17 Helicopter : कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। टीम अब हादसे के कारणों का पता लगाने में जुटी है।

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क्या है ब्लैक बॉक्स
हमेशा ही फ्लाइट के साथ हुई दुर्घटना का पता लगाने के लिए ब्लैक बॉक्स का उपयोग किया जाता है। ये असल में हवाई जहाज की उड़ान के दौरान उड़ान की सारी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। इसी वजह से इसे फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) भी कहते हैं। सुरक्षित रखने के लिए इसे सबसे मजबूत धातु टाइटेनियम से बनाया जाता है। साथ ही भीतर की तरफ इस तरह से सुरक्षित दीवारें बनी होती हैं कि कभी किसी दुर्घटना के होने पर भी ब्लैक बॉक्स सेफ रहे और उससे समझा जा सके कि असल में हुआ क्या था।

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क्यों हुई खोज
ब्लैक बॉक्स को बनाने की कोशिश 1950 के शुरुआत दशक में होने लगी थी। तब विमानों की फ्रीक्वेंसी बढ़ने के साथ ही दुर्घटनाएं भी बढ़ने लगी थीं। हालांकि तब ये समझने का कोई तरीका नहीं था कि अगर कोई हादसा हो तो कैसे जांचा जा सके कि किसकी गलती थी या ऐसा क्यों हुआ ताकि आने वाले समय में गलती का दोहराव न हो।

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आखिरकार साल 1954 में एरोनॉटिकल रिसर्चर डेविड वॉरेन ने इसका आविष्कार किया। तब इस बॉक्स को लाल रंग के कारण रेड एग कहा जाता था। लेकिन फिर भीतरी दीवार के काले होने के कारण इस डिब्बे को ब्लैक बॉक्स कहा जाने लगा। वैसे ये अब तक साफ नहीं है कि इस बॉक्स को ब्लैक क्यों कहा जाता है क्योंकि इसका ऊपरी हिस्सा लाल या गुलाबी रंग का रखा जाता है। ये इसलिए है ताकि झाड़ियों या कहीं धूल-मिट्टी में गिरने पर भी इसके रंग के कारण ये दूर से दिख जाए।

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कैसे काम करता है ये
ये टाइटेनियम से बना होने और कई परतों में होने के कारण सेफ रहता है। अगर प्लेन में आग भी लग जाए तो भी इसके खत्म होने की आशंका लगभग नहीं के बराबर होती है क्योंकि लगभग 1 घंटे तक ये 10000 डिग्री सेंटीग्रेट का तापमान सह पाता है। इसके बाद भी अगले 2 घंटों तक ये बॉक्स लगभग 260 डिग्री तापमान सह सकता है। इसकी एक खासियत ये भी है कि ये लगभग महीनेभर तक बिना बिजली के काम करता है यानी अगर दुर्घटनाग्रस्त जहाज को खोजने में वक्त लग जाए तो भी बॉक्स में डाटा सेव रहता है।

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बता दें Mi17 V हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल गया है, जो चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत को कल कुन्नूर से वेलिंगटन ले जाने के दौरान क्रैश हो गया। इस हादसे में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कई सैन्य अफसरों और क्रू मेंबर्स का निधन हो गया। ब्लैक बॉक्स मिल तो गया है लेकिन बताया जा रहा है कि इसकी कंडीशन अच्छी नहीं है। लेकिन उम्मीद है कि इसके मिलने के बाद इसके अंदर जो डाटा रिकॉर्ड होगा, उससे पता चलेगा कि किन स्थितियों में ये दुर्घटना हुई।