कोलकाता, 18 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल ईकाई में पार्टी नेता शुभेंदु अधिकारी की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की जगह ‘हम उनके साथ जो हमारे साथ’ की टिप्पणी को लेकर कथित तौर पर दरार पैदा हो गई है। कुछ नेता अधिकारी के समर्थन में हैं तो वहीं, अन्य इसे पार्टी के रुख के विपरीत बताकर इसका विरोध कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तारित सत्र को बुधवार को संबोधित करते हुए अधिकारी ने हालिया लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए अल्पसंख्यक समुदाय से कम समर्थन मिलने को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था, ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ की जरूरत नहीं है और इसके बजाय उन्होंने ‘‘हम उनके साथ जो हमारे साथ’’ का प्रस्ताव दिया।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने अधिकारी की टिप्पणी को ‘व्यक्तिगत टिप्पणी’ करार देते हुए उससे दूरी बना ली थी। हालांकि भाजपा के कुछ नेताओं ने बृहस्पतिवार को अधिकारी के विचारों का समर्थन किया।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष तथागत रॉय ने कहा, ”अधिकारी ने जो कहा वह सच है। अगर कुछ लोगों को सच्चाई से समस्या है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। वह ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे का प्रशासन या शासन के संदर्भ में विरोध नहीं कर रहे थे, बल्कि बंगाल में राजनीतिक रणनीति के संदर्भ में इसका विरोध कर रहे थे।”
त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल रॉय ने वोट के लिए खास समुदायों को खुश करने से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने भी रॉय के विचारों को दोहराते हुए बंगाल में इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से उठाने के लिए अधिकारी के साहस की प्रशंसा की।
सिंह और रॉय द्वारा अधिकारी का समर्थन किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, पार्टी के आधिकारिक रुख से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ‘सबका साथ, सबका विकास’ हमारा आधिकारिक रुख है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता।”
मजूमदार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारी ने दावा किया कि यहां तक कि प्रदेश अध्यक्ष भी निजी तौर पर उनके विचारों का समर्थन करते हैं।
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प्रीति अमित
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