भाजपा ध्रुवीकरण से ताकत हासिल करने का प्रयास कर रही है: दीपांकर भट्टाचार्य |

भाजपा ध्रुवीकरण से ताकत हासिल करने का प्रयास कर रही है: दीपांकर भट्टाचार्य

भाजपा ध्रुवीकरण से ताकत हासिल करने का प्रयास कर रही है: दीपांकर भट्टाचार्य

:   Modified Date:  September 22, 2024 / 07:22 PM IST, Published Date : September 22, 2024/7:22 pm IST

(अंजलि ओझा)

नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि लोकसभा चुनावों में झटका लगने के बाद, भाजपा अब फिर से ताकत हासिल करने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों के साथ-साथ महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन करेगा।

भाकपा(माले) लिबरेशन के महासचिव ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के लोकसभा चुनावों में झारखंड में ज्यादातर सीट जीती हैं, लेकिन अभी राज्य में पार्टी के खिलाफ मजबूत माहौल है।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव में हमें भाजपा के खिलाफ एक बहुत ही स्पष्ट संदेश मिलेगा। हमने लोकसभा चुनाव ‘इंडिया’ गठबंधन के रूप में लड़ा था और मेरा मानना ​​है कि हम झारखंड चुनाव भी ‘इंडिया’ गठबंधन के रूप में लड़ेंगे।’’

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 14 सीटों में से आठ पर जीत दर्ज की थी, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने तीन और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं। एक सीट आजसू के खाते में गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मार्क्सवादी समन्वय समिति का भाकपा (माले) में विलय हो गया है। इससे उत्तरी छोटानागपुर के बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग जैसे इलाकों में पार्टी को मजबूती मिलेगी, जहां भाजपा कुछ हद तक अपनी पकड़ बना रही थी।’’

क्षेत्रीय वामपंथी पार्टी मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) की स्थापना 1972 में ए.के. रॉय और अन्य नेताओं द्वारा की गई थी। पार्टी का इस महीने की शुरुआत में औपचारिक रूप से भाकपा (माले) लिबरेशन के साथ विलय हो गया।

भाकपा (माले) लिबरेशन, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, हम कोशिश करेंगे कि ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक झामुमो, कांग्रेस, वाम दल और राजद बातचीत करें और समन्वित तरीके से आगे बढ़ें।’’

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में, झामुमो ने 81 सीटों में से 43 पर चुनाव लड़ा था और 30 पर जीत हासिल की थी, कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 पर जीत हासिल की थी। राजद और भाकपा (माले) के एक-एक विधायक हैं।

दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास विधानसभा में 30 सीटें हैं। इनमें से भाजपा के 24 विधायक हैं।

भट्टाचार्य ने अन्य चुनाव वाले राज्यों के बारे में भी बात की।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन सभी राज्यों में लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन देखा। हरियाणा में यह 50:50 का था, महाराष्ट्र में, ‘इंडिया’ गठबंधन आगे था, जम्मू-कश्मीर में, लंबे समय के बाद चुनाव हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के नाम पर, उन्होंने राज्य का दर्जा छीन लिया…वहां भाजपा के खिलाफ माहौल है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में झटका लगा था, जब वह 272 के बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने में विफल रही। भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा अब नफरत और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए वोट हासिल करने की कोशिश कर रही है।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा कि यह देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘वे लंबे समय से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का एजेंडा चला रहे हैं, लेकिन जब कोविंद समिति ने हमसे हमारी राय मांगी, तो हमने कहा कि यह संघीय ढांचे और लोकतंत्र पर हमला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय देश के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन, साथ ही वामपंथी दलों के बीच समन्वय भी महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि वामपंथी एकता बढ़ेगी और ‘इंडिया’ गठबंधन में वामपंथी दलों की भूमिका भी बढ़ेगी। इससे गठबंधन मजबूत होगा।’’

उन्होंने कहा कि सीताराम येचुरी का निधन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लिए एक झटका है, जो वाम दलों में सबसे बड़ी और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रखने वाली एकमात्र पार्टी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बड़ी क्षति है, लेकिन हम इस कमी को पूरा करने की कोशिश करेंगे।’’

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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