नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) राज्यसभा में बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह के बारे में तृणमूल कांग्रेस सदस्य साकेत गोखले द्वारा की गयी ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई और सभापति जगदीप धनखड़ ने गोखले को आगाह किया तथा उनके शब्दों को रिकॉर्ड से हटा दिया।
गृह मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में चर्चा के दौरान गोखले ने शाह पर टिप्पणी की। इसके बाद, गृह मंत्री शाह ने आसन की अनुमति से हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘मैं किसी की कृपा से यहां नहीं आया। मैं सात बार चुनाव जीतकर आया हूं। एक विचारधारा का विरोध कर यहां नहीं घुस गया हूं। डरने का सवाल ही नहीं उठता।’’
गोखले ने चर्चा की शुरुआत करते हुए गृह मंत्री के साथ-साथ भाजपा पर भी आक्षेप किया, जिसके बाद सदन के नेता जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और कुछ अन्य भाजपा सदस्यों ने उनसे अपना बयान वापस लेने की मांग की, लेकिन गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
नड्डा ने कहा कि गोखले की टिप्पणी असंसदीय और अपमानजनक है और अगर गोखले इसे वापस लेने से इनकार करते हैं तो सभापति को इसे रिकॉर्ड से हटा देना चाहिए।
रीजीजू ने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी उचित नहीं थी और चर्चा के लिए यह सही माहौल नहीं बनाती।
सभापति ने कहा कि गोखले को वरिष्ठ मंत्री के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था और यह टिप्पणी रिकॉर्ड से हटा दी जानी चाहिए क्योंकि यह ‘व्यक्तिगत’ थी।
गोखले ने चर्चा की शुरुआत करते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार से जुड़े 6900 से अधिक मामले लंबित हैं।
इस पर उन्हें टोकते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सदस्य को गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू करने के लिए कहा गया है किंतु उन्हें शायद यह नहीं मालूम कि सीबीआई या जिन एजेंसियां के बारे में वह चर्चा करना चाहते हैं, वे गृह मंत्रालय के तहत नहीं आती हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सदस्य को चर्चा का दायरा बढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो वह भी अपने जवाब का दायरा बढ़ाएंगे और ‘हर चीज का जवाब दिया जाएगा।’
भाषा अविनाश सुभाष
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