भाजपा ने राष्ट्रपति पर टिप्पणी के लिए सोनिया गांधी की निंदा की, बिना शर्त माफी की मांग की |

भाजपा ने राष्ट्रपति पर टिप्पणी के लिए सोनिया गांधी की निंदा की, बिना शर्त माफी की मांग की

भाजपा ने राष्ट्रपति पर टिप्पणी के लिए सोनिया गांधी की निंदा की, बिना शर्त माफी की मांग की

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Modified Date: January 31, 2025 / 07:18 PM IST
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Published Date: January 31, 2025 7:18 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए की गई एक टिप्पणी को लेकर विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘‘बेहद अपमानजनक’’ है और यह सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा के प्रति विपक्ष की ‘‘निरंतर उपेक्षा’’ को दर्शाता है।

कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत में हर व्यक्ति राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति सम्मान और सहानुभूति रखता है, लेकिन भाजपा नेता उनके स्वास्थ्य को लेकर सोनिया गांधी द्वारा जताई गई ‘‘चिंता’’ को पचा नहीं पा रहे हैं।

कांग्रेस ने पूछा, ‘‘क्या भाजपा राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति उस अनादर का जवाब देगी, जब उन्हें संसद भवन या अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया?’’

राष्ट्रपति द्वारा संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के तुरंत बाद, सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा को संसद परिसर में अभिभाषण पर चर्चा करते देखा गया।

सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद कहा कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं।

उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं…वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी।’’

चर्चा के दौरान राहुल गांधी को सोनिया गांधी से यह पूछते हुए सुना गया कि क्या राष्ट्रपति का भाषण ‘‘उबाऊ’’ था।

भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी की ओर से राष्ट्रपति मुर्मू के लिए की गई टिप्पणी को लेकर उनकी कड़ी निंदा की और मांग की कि वह राष्ट्रपति तथा भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगें।

नड्डा ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति को संदर्भित कर इस्तेमाल किये गए शब्द बेहद अपमानजनक हैं और यह सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा के प्रति विपक्ष की निरंतर अवहेलना को रेखांकित करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, यह कोई पहली घटना नहीं है। जब राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित कर रही थीं तो विपक्ष ने अपनी सामंती मानसिकता से प्रेरित होकर पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तीकरण का मजाक उड़ाया।’’

नड्डा ने कहा कि वह और उनके साथ-साथ भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द के मद्देनजर सोनिया गांधी की कड़ी निंदा करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी के संभ्रांतवादी, गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी स्वभाव को दर्शाता है। मैं मांग करता हूं कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति जी और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगे।’’

भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने बार-बार संवैधानिक मानदंडों के प्रति खुल्लम-खुल्ला अवहेलना दिखाई है और तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए उसने बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति अनादर की अपनी विरासत को मर्यादाहीन सहजता के साथ आगे बढ़ाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘शायद यह विपक्ष के लिए देश के सर्वोच्च पद का बार-बार अपमान करने के बजाय लोकतंत्र के मंदिर में सार्थक चर्चा पर ध्यान केंद्रित करने का समय है। उसे देश की कीमत पर खुद को समृद्ध करते हुए विदेशी कठपुतली स्वामियों की भाषा का तोता बनना बंद करना चाहिए।’’

नड्डा ने कहा कि आज संसद में बजट सत्र की शुरुआत के अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू का अभिभाषण सरकार के ‘ऐतिहासिक’ दृष्टिकोण का खाका है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक अलग पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 10 वर्षों में ‘विकसित भारत’ की यात्रा को नयी ऊर्जा दी है और सरकार प्रदर्शन, सुधार तथा बदलाव के संकल्प को तेज गति से आगे बढ़ा रही है।

नड्डा ने कहा, ‘‘विकसित भारत की उड़ान को हमारे संविधान के आदर्शों का सशक्त मार्गदर्शन मिलता रहे, इसके लिए हमारी सरकार ने सेवा, सुशासन, समृद्धि और गरीब कल्याण आदि प्रमुख सिद्धांतों को केंद्र में रखा है।’’

उन्होंने विश्वास जताया कि देश के विकास का लाभ अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिलने से सार्थक विकास की अवधारणा साकार होगी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ ‘अंत्योदय’ के संकल्प के साथ भारत प्रगति और प्रतिष्ठा के पथ पर तीव्र गति से अग्रसर है।’’

इस बीच लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के स्वास्थ्य के प्रति सोनिया गांधी जी की चिंता भाजपा के लोगों को पच नहीं रही है। भारत के प्रत्येक व्यक्ति के मन में राष्ट्रपति के प्रति सम्मान और सहानुभूति है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति उस अनादर का जवाब देगी, जब उन्हें संसद भवन या अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया? मैं उन्हें इस प्रश्न का उत्तर देने की चुनौती देता हूं।’’

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोनिया गांधी की टिप्पणी की कड़ी निंदा की और कहा कि भाजपा मुर्मू को कमजोर दिखाने के विपक्ष के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि पहली बार एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बनी है, इसलिए वे इसे पचा नहीं पा रहे हैं और उन्हें कमजोर बताने की कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति एक महिला और आदिवासी हैं। वह कमजोर नहीं हैं।’’

सोनिया गांधी और राहुल गांधी की आलोचना करते हुए रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू को ‘‘थकी हुई महिला’’ कहना और उनके भाषण को ‘‘बोझिल करने वाला’’ कहना उन्हें शोभा नहीं देता।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अत्यंत निंदनीय है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने सोनिया गांधी की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे देश की महिलाओं और आदिवासियों का ‘‘अपमान’’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ऐसी प्रवृत्ति ‘‘बहुत खतरनाक’’ है।

भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति को ‘बेचारी’ कहना उच्च पद का अपमान है और उनकी सामंती मानसिकता को दर्शाता है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन पहली आदिवासी महिला का ‘‘उपहास’’ उड़ाया है।

भाषा

देवेंद्र धीरज

धीरज

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)