पलक्कड़/वायनाड (केरल), दो नवंबर (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 2021 के कोडकारा काला धन मामले के बारे में भाजपा के एक पूर्व पदाधिकारी के खुलासे के बाद मुश्किल में पड़ी पार्टी पर शनिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी को ‘अपना चुनाव चिह्न कमल की जगह बोरा’ कर लेना चाहिए।
भाजपा ने पलटवार करते हुए दावा किया कि हालिया आरोप माकपा और यूडीएफ के इशारे पर लगाए गए हैं।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने वायनाड में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन के इशारे पर यह सब हो रहा है।
सुरेंद्रन ने कहा, “अगर इस तरह के आरोपों से मेरे हाथ दागदार हो सकते हैं, तो मैं राजनीतिक जीवन छोड़ दूंगा। मैं सभी जांचों का स्वागत करता हूं। इन आरोपों से मुझे या पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा।”
उन्होंने कहा कि ये झूठे आरोप संकेत देते हैं कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) केरल में भाजपा के बढ़ते प्रभाव से डरते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर माकपा और भाजपा के बीच कोई सौदा हुआ होता, तो फिर से जांच की कोई जरूरत नहीं होती।
दूसरी ओर, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के. सुधाकरन ने मामले की फिर से जांच किए जाने की आलोचना की और इसे उपचुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का “व्यर्थ दांव” बताया।
उन्होंने कहा, “दोबारा जांच एक दिखावा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कोडकारा काला धन मामले की जांच भाजपा और माकपा के बीच समझौते के तहत ‘स्थगित’ कर दी गई थी, जिससे मुख्यमंत्री और उनके परिवार को भी लाभ हुआ था, क्योंकि केंद्रीय एजेंसियों ने उनके खिलाफ जांच रोक दी थी।
इससे पहले केरल के लोक निर्माण मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास ने काला धन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होने को लेकर कांग्रेस पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।
मंत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘नए खुलासों से कई चीजें स्पष्ट हो गई हैं और उनमें से एक यह है कि भाजपा को अपना चिह्न कमल की जगह बोरा कर लेना चाहिए।’
इस मामले में ईडी के कार्रवाई नहीं करने पर कांग्रेस की चुप्पी को लेकर मंत्री ने यह दिखाने का प्रयास किया कि भाजपा और कांग्रेस मिली हुई है। वहीं, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राहुल ममकुत्तथिल ने दावा किया कि वास्तव में भाजपा और माकपा के बीच एक समझौता था।
पलक्कड़ विधानसभा उपचुनाव के लिए संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के उम्मीदवार मामकुताथिल ने कहा कि माकपा अब यह दिखाने के लिए इस मामले को उजागर कर रही है कि उसका भाजपा के साथ कोई समझौता नहीं है।
उन्होंने सवाल किया कि अब इस मामले की दोबारा जांच क्यों की जा रही है और शुरुआती जांच का क्या हुआ।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘पहले की जांच का क्या हुआ? क्या वह विफल रही? यदि हां, तो क्यों? अब दोबारा जांच इस बात का संकेत है कि पहले की जांच विफल रही।’
दूसरी ओर, भाजपा मामले के ताजा घटनाक्रम को खास तवज्जो नहीं दे रही।
पलक्कड़ उपचुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवार सी कृष्णकुमार ने कहा कि खुलासे या मामला पार्टी के लिए चिंता का कारण नहीं है क्योंकि 13 नवंबर को उपचुनाव के बाद यह सारा मामला खत्म हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान ये सब बातें होती रहती हैं।
उपचुनाव अभियान के दौरान भाजपा को मुश्किल स्थिति में डालते हुए त्रिशूर जिला कार्यालय के पूर्व सचिव तिरूर सतीश ने हाल ही में आरोप लगाया था कि मामले से जुड़ा बेहिसाब धन पार्टी के चुनाव कोष का हिस्सा है।
उन्होंने यह दावा भी किया था कि धर्मराजन नामक ने कथित तौर पर चुनाव सामग्री की आड़ में छह बोरों में पैसा भरकर पार्टी कार्यालय में पहुंचाया था और उन्होंने कार्यालय की रखवाली की थी।
सतीशन के आरोपों के बाद, भाजपा त्रिशूर जिला अध्यक्ष अनीशकुमार ने दावा किया था कि दो साल पहले कार्यालय सचिव के पद से हटाए गए सतीश को अब माकपा ने भाजपा के खिलाफ प्रचार करने और आगामी चुनाव में भाजपा की संभावनाओं पर पानी फेरने के लिए काम पर रखा है।
काले धन का मामला 2021 में केरल विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से तीन दिन पहले तीन अप्रैल को त्रिशूर के कोडकारा में राजमार्ग डकैती की घटना से संबंधित है।
पुलिस जांच में पता चला कि चुनाव प्रचार के लिए कथित तौर पर 3.5 करोड़ रुपये एक कार में एर्णाकुलम ले जाए जा रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, इस कार का पीछा कर रहे एक गिरोह ने कोडकारा के पास फर्जी दुर्घटना दिखाकर कार को रोकने के बाद पैसे लूट लिए।
भाषा जोहेब रंजन
रंजन
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