नयी दिल्ली: MP S Phangnon Konyak on Rahul Gandhi राज्यसभा में नगालैंड की भाजपा सदस्य फान्गनॉन कोन्याक ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि वह जब संसद के मकर द्वार के पास अन्य सांसदों के साथ प्रदर्शन कर रही थीं तभी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उनके समीप आ गये और उन पर चिल्लाने लगे। कोन्याक ने दोपहर दो बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर आसन की अनुमति से अपनी बात रखी और यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह इस घटना को बहुत ही दुखी मन से बयान कर रही हैं।
MP S Phangnon Konyak on Rahul Gandhi उन्होंने बताया कि संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों के नीचे सांसदों का प्रदर्शन बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘इसी दौरान मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ जिसे मैं बहुत निराशा के साथ बता रही हूं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी मेरे समीप आ गये, जिससे मैं बहुत असहज महसूस करने लगी। उन्होंने मुझ पर चिल्लाना शुरू कर दिया।’’
भाजपा सदस्य ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा ऐसा किया जाना बहुत ही गलत था। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि मैं अपना बचाव नहीं कर सकती थी… मैं उनके इस व्यवहार से बहुत निराश हो गयी। किसी भी महिला, विशेषकर नगालैंड से आने वाली महिला के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। मुझे आपका (सभापति का) संरक्षण चाहिए।’’ कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा के लिए चुनी गयी पहली महिला सदस्य हैं।
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने आज सुबह संसद परिसर में मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की।
फान्गनॉन कोन्याक ने आरोप लगाया कि संसद के मकर द्वार के पास प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी उनके पास आए और उन पर चिल्लाने लगे, जिससे वह बहुत असहज महसूस करने लगीं। उन्होंने इस व्यवहार को महिला सांसदों के साथ असम्मानजनक बताया।
यह आरोप राज्यसभा में उनके बयान के बाद सामने आया। हालांकि, राहुल गांधी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और मामले की पूरी जानकारी और जांच की आवश्यकता हो सकती है।
फान्गनॉन कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा के लिए चुनी गईं पहली महिला सदस्य हैं। वह भाजपा से संबंधित हैं और उन्होंने सदन में अपनी बात रखने के दौरान इस घटना का जिक्र किया।
यह घटना संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के पास हुई थी, जहां सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य प्रदर्शन कर रहे थे। यहां प्रदर्शन के दौरान यह आरोप लगाया गया था।
इस विवाद के कारण संसद में कुछ समय के लिए विवाद उत्पन्न हुआ था, लेकिन अंततः सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई। हालांकि, यह घटनाएं सदन के माहौल को प्रभावित कर सकती हैं और उनके समाधान की जरूरत हो सकती है।