Cracks in Puri Jagannath Temple
Jagannath Temple: नई दिल्ली। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने आते हैं। यह सुप्रसिद्ध मंदिर चार धामों में से एक है और हिंदू धर्म में इसका विशेष स्थान है। लेकिन क्या आप जानते हैं जगन्नाथ मंदिर के चार द्वार हैं, जिनमें से तीन दरवाजों को सालों से बंद कर दिया गया था। वहीं मंदिर के इन तीन दरवाजों का रहस्य लोगों को विचलित कर रहा था कि आखिर क्यों जगन्नाथ मंदिर के इन तीन दरवाजों को काफी सालों से बंद कर रखा है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में मंदिर के सभी गेट खोलने का वादा किया था और अब नवनिर्वाचित सरकार ने चारों गेट खोलने का फैसला किया है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी ने मंदिर के ये तीनों द्वारों को खोल दिया है।
वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव के नतीजों के बाद अब मंदिर में जाने वाले भक्त चारों गेट से मंदिर में एंट्री ले सकते हैं। नई सरकार की ओर से चारों गेट खोले जाने के बाद अब लोगों के मन में सवाल है कि आखिर पहले रहस्यों से भरे जगन्नाथ मंदिर के इन दरवाजों को बंद क्यों रखा गया था और अब इन गेट्स को खोले जाने के बाद क्या बदलाव होने वाला है।
Jagannath Temple: जगन्नाथ मंदिर के तीन दरवाजों को साल 2019 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान बंद किया था। इसे बंद करना का उद्देश्य भीड़ को कंट्रोल करना और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेंन करना था। ऐसे में चारों दरवाजों से होने वाली एंट्री को एक गेट पर सीमित कर दिया था ताकि भीड़ को कंट्रोल किया जा सके और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके।
व्याघ्र द्वार- इस दरवाजे का नाम बाघ पर है, जिसे आकांक्षा का प्रतीक माना जाता है। ये गेट पश्चिम दिशा में है और इस गेट से संत और खास भक्त एंट्री लेते हैं।
अश्व द्वार- अश्व द्वार दक्षिण दिशा में है और घोड़ा इसका प्रतीक है। इसे विजय का द्वार भी कहा जाता है और जीत की कामना के लिए योद्धा इस गेट का इस्तेमाल किया करते थे।
हस्ति द्वार- हस्ति द्वार का नाम हाथी पर है और यह उत्तर दिशा में है। दरअसल, हाथी को धन की देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है और लक्ष्मी का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस द्वार पर दोनों तरफ हाथी की आकृति बनी हुई है, जिन्हें मुगल काल में उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
सिंह द्वार- ये चारों दरवाजें चार दिशाओं में हैं और इन चारों दरवाजों के नाम जानवरों पर हैं। सिंह द्वार मंदिर की पूर्व दिशा में है, जो सिंह यानी शेर के नाम पर है। ये जगन्नाथ मंदिर में एंट्री करने का मुख्य द्वार है और इसे मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है।