कोलकाता, 11 नवंबर (भाषा) भाजपा बिहार चुनाव में सफलता मिलने के बाद अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रही है। पार्टी के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव के मंगलवार को घोषित नतीजों के मुताबिक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 243 सदस्यीय सदन में 125 सीटों पर जीत मिली है जिनमें से 74 सीटों के साथ भाजपा राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है जबकि सहयोगी जदयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की है।
सूत्रों ने बताया कि भगवा पार्टी ने पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यी विधानसभा में 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य तय किया है और बिहार चुनाव होने के बाद अब उसका पूरा ध्यान राजनीतिक रूप से अहम पश्चिम बंगाल पर होगा जो 42 सदस्यों को लोकसभा भेजता है, यह संख्या बिहार से दो अधिक है।
उन्होंने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटों को जीतकर भाजपा ने पश्चिम बंगाल में गहरी पैठ बना ली है ( जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से महज चार कम है) और राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर आखिरी दौर का हमला शुरू करने के लिए बिहार चुनावों के संपन्न होने का इंतजार कर रही थी।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी की जीत बड़ी होगी और वह चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से उब चुकी है और अब वे बदलाव चाहते हैं।’’
राज्य इकाई के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने उनका समर्थन करते हुए कहा, ‘‘बिहार के बाद भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी राज्य बिहार में भगवा की लहर थी और यह तृणमूल की पश्चिम बंगाल सरकार का भी सफाया कर देगी। दोनों राज्यों में बस इतना अंतर होगा कि बिहार में हम करीब 15 साल से सत्ता में है जबकि पश्चिम बंगाल में हम चुनौती दे रहे हैं।’’
भाजपा नेताओं के एक धड़े का मानना है कि बिहार चुनाव के नतीजों का असर सीमावर्ती इलाकों को छोड़ पश्चिम बंगाल में बहुत कम होगा लेकिन यह पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में सहायक होगा।
राज्य के कई भाजपा नेताओं ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजों से संकेत ले पार्टी पश्चिम बंगाल में अपनी रणनीति को नए सिरे से धार दे रही है।
तृणमूल कांग्रेस को घेरने के लिए भाजपा अबतक कुशासन, कानून-व्यवस्था, हिंसा, भ्रष्टाचार और राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 से निपटने के तरीकों का मुद्दा उठा रही थी।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘बिहार चुनाव के नतीजों से पता चला कि बेरोजगारी, मजदूरों का पलायन संकट का मुद्दा कई सीटों पर महत्वपूर्ण रहा। इसलिए हमें इन मुद्दों पर भी जोर देने की जरूरत है।’’
हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के 200 से अधिक सीटें लाने के लक्ष्य का माखौल उड़ाया है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा, ‘‘जहां तक सवाल पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने का है तो भाजपा अब भी स्वप्नलोक में है। अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो जाएगी।’’
भाषा धीरज उमा
उमा
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