नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की जम्मू-कश्मीर में एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर की गई टिप्पणी को सोमवार को ‘‘अत्यंत खराब और अपमानजनक’’ करार दिया, जबकि मुख्य विपक्षी दल ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें मणिपुर, जातिगत जनगणना और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि खरगे ने कोई गलत बात नहीं की है और उनके कहने का तात्पर्य यह था कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाने के बाद राजनीति से संन्यास लेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘‘कटु तरीके से नफरत दिखाते हुए’’ खरगे ने यह कहकर अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम बिना वजह ही घसीटा कि वह मोदी को सत्ता से हटाने से पहले नहीं मरेंगे।
जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में रविवार को आयोजित एक रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत खराब हो गई लेकिन कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने अपना भाषण जारी रखा और सत्तारूढ़ दल पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाने से पहले वह मरेंगे नहीं।
शाह ने खरगे की इस टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने भाषण में कल ‘‘अत्यंत खराब और अपमानजनक व्यवहार’’ किया।
शाह ने लिखा, ‘‘कटु तरीके से नफरत दिखाते हुए उन्होंने अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में प्रधानमंत्री मोदी को अनावश्यक रूप से घसीटा और कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी को हटाने से पहले नहीं मरेंगे।’’
उन्होंने कहा कि खरगे की टिप्पणी से पता चलता है कि कांग्रेस के लोगों में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति कितनी नफरत और डर है तथा वे लगातार उन्हीं के बारे में सोचते रहते हैं।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘जहां तक खरगे जी के स्वास्थ्य का सवाल है, तो मोदी जी, मैं और हम सभी प्रार्थना करते हैं कि वह दीर्घायु हों और स्वस्थ जीवन जिएं। वह अनेक वर्षों तक जीवित रहें । वह 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होता देखने के लिए जीवित रहें।’’
शाह की इस टिप्पणी के बाद खरगे ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह को मणिपुर, जनगणना और जातिगत जनगणना जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘गृह मंत्री अमित शाह को मणिपुर, जनगणना और जातिगत जनगणना जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। आपकी सरकार का ही सर्वे कहता है कि शहरी सीवरों, सेप्टिक टैंकों की सफाई करने वाले 92 प्रतिशत कर्मचारी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गों से आते हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि भाजपा जातिगत जनगणना के विरोध में इसलिए है क्योंकि तब पता चल जाएगा कि एससी, एसटी, ओबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग व सभी वर्ग कौन-कौन से कार्यों के जरिये अपना जीवन-यापन कर रहे हैं, उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति क्या है तथा उनको किस तरह सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी जातिगत जनगणना करवाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। हम ये करवाकर ही रहेंगे।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष ने सिर्फ यही कहा है कि प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोद) जब प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तो मैं राजनीति से संन्यास लूंगा। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने (अतीत में) ऐसी शर्मनाक भाषा का इस्तेमाल किया है, जिन्हें मैं दोहराना नहीं चाहता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ये मणिपुर पर बात नहीं करते। जाति जनगणना पर बात नहीं करते। बेरोजगारी पर बात नहीं करते। एक पूंजीपति का एकाधिकार स्थापित हो रहा है, उस पर कुछ नहीं बोलते। सिर्फ फिजूल की बातें करते हैं।’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हरियाणा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए इस मुद्दे को उठाया और कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कल एक रैली को संबोधित करते समय तबियत बिगड़ गई। फिर बोले जब तक मोदी को नहीं हटा देंगे, तब तक मैं जिंदा ही रहूंगा। मैं खरगे जी के 125 साल तक जीने की कामना करता हूं क्योंकि मोदीजी लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले हैं।’’
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व मोदी के प्रति अपनी नफरत का प्रदर्शन करने का कोई मौका नहीं गंवाता।
भाषा हक ब्रजेन्द्र
हक माधव
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