राजस्थान के जैसलमेर में कुरजां पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई : अधिकारी |

राजस्थान के जैसलमेर में कुरजां पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई : अधिकारी

राजस्थान के जैसलमेर में कुरजां पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई : अधिकारी

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Modified Date: January 15, 2025 / 06:25 PM IST
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Published Date: January 15, 2025 6:25 pm IST

जैसलमेर, 15 जनवरी (भाषा) राजस्थान के जैसलमेर में हाल ही में मृत पाए गए कुरजां (डेमोइसेल सारस) की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई थी। अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट के हवाले से बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक इन पक्षियों का विरसा भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजा गया था। इसी रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कुरजां पक्षी बर्ड फ्लू से मरे थे।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ‘सतर्क’ मोड में है। जैसलमेर जिला प्रशासन ने देगराय ओरण इलाके के लुणेरी तालाब क्षेत्र को संक्रमित ‘हॉटस्पॉट एरिया’ घोषित कर दिया है। संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

पशुपालन विभाग, वन विभाग और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को मिलाकर एक संयुक्त टीम बनाई गई है। इस टीम ने त्वरित प्रतिक्रिया टीम का गठन किया है, जो हॉटस्पॉट एरिया में गश्त और निगरानी का काम कर रही है। इसके साथ ही प्रवासी पक्षियों के झुंड पर भी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए क्षेत्र में रसायन का छिड़काव किया जाएगा।

पशुपालन विभाग जैसलमेर के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश वरंगतिवार ने बताया कि देगराय ओरण इलाके के तालाब क्षेत्र में 11 जनवरी को छह कुरजां पक्षियों के शव मिले थे। इसके बाद 12 जनवरी को दो कुरजां पक्षी मृत मिले थे। मृत सभी पक्षियों के विसरा को जांच के लिए भोपाल (मध्यप्रदेश) स्थित निषाद प्रयोगशाला भेजा गया था। बुधवार को आई रिपोर्ट में मौत का कारण बर्ड फ्लू बताया गया है।

जैसलमेर के जिलाधिकारी प्रताप सिंह ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने की चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण पक्षियों से इंसानों में भी फैल सकता है। इस खतरे को देखते हुए आम जनता को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। प्रभावित क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जा रही है और लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

भाषा

सं, पृथ्वी, रवि कांत

रवि कांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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