नई दिल्ली। दिल्ली में लेफ्टिनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री के अधिकारों को स्पष्ट करने वाले गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच इस बिल को मंजूरी दे दी गई। अब राष्ट्रपति के दस्तखतक के साथ ही ये बिल कानून बन जाएगा। आखिर सवाल उठता है कि इस बिल में ऐसा क्या है जिससे दिल्ली के मुख्यमंत्री की ताकत कम होगी और लेफ्टिनेंट गवर्नर के जरिए केंद्र को वीटो पावर देता है।
My party has decided not to become a party to passing of this Bill. It undermines the authority & power of an elected govt of an elected Assembly. Without lowering the dignity of the House, we are peacefully staging a walkout: Prasanna Acharya, BJD MP on GNCTD Amendment Bill 2021 pic.twitter.com/f3Mudnq5EJ
— ANI (@ANI) March 24, 2021
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केंद्र सरकार की ओर से लाए गए राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को बुधवार को राज्यसभा की भी मंजूरी मिल गई। चर्चा के दौरान आप व अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने जमकर विरोध किया। वहीं गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने इसका बचाव किया। बता दें इस बिल से दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकार बढ़ जाएंगे।
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आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के जमकर विरोध और हंगामा किए जाने के बावजूद सदन ने इस विधेयक को अनुमति दे दी। इस पर चर्चा के दौरान आप सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए हंगामा मचाया। इसके कारण सदन की कार्रवाई बाधित हुई और उसे कुछ दिनों के लिए स्थगित करना पड़ा।
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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि हम वो संशोधन कर रहे हैं, जो 1991 में कांग्रेस लेकर आई थी। ये नए नहीं हैं। इन संशोधन से दिल्ली सरकार का कामकाज उचित ढंग से चल सकेगा। विपक्ष खासकर आप उनकी बातों से सहमत नहीं हुई और सदस्य हंगामा मचाने लगे। इस बीच कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ी।
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सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि वे दिल्ली के दो करोड़ और देश के 130 करोड़ लोगों के लिए न्याय चाहते हैं। वह सभी सदस्यों से अपील करते हैं कि संविधान बचाने के लिए आगे आएं। यदि संविधान बचेगा तो ही हम यहां रह सकेंगे।