Maratha Reservation: मराठा आंदोलन कार्यकर्ता मनोज जरांगे का बड़ा बयान, बोले- आरक्षण की लड़ाई मैं अकेले ही लड़ रहा हूं... | Maratha Reservation VS OBC Reservation

Maratha Reservation: मराठा आंदोलन कार्यकर्ता मनोज जरांगे का बड़ा बयान, बोले- आरक्षण की लड़ाई मैं अकेले ही लड़ रहा हूं…

Maratha Reservation VS OBC Reservation: मराठा आंदोलन कार्यकर्ता मनोज जरांगे का बड़ा बयान, बोले- आरक्षण की लड़ाई मैं अकेले लड़ रहा हूं...

Edited By :   Modified Date:  June 25, 2024 / 06:23 PM IST, Published Date : June 25, 2024/6:22 pm IST

Maratha Reservation VS OBC Reservation: छत्रपति संभाजीनगर। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने मंगलवार को दावा किया कि अलग-अलग दलों से होने के बावजूद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता आरक्षण के मुद्दे पर एकजुट रहे हैं जबकि दूसरी ओर उनके अपने समुदाय के नेता इस लड़ाई में उनके साथ नहीं हैं और वह अकेले यह लड़ाई लड़ रहे हैं। निजी अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान जरांगे ने यह बात कही। कुछ दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जरांगे ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नवीनतम चरण की शुरुआत आठ जून को की थी और छह दिन बाद इसे स्थगित कर दिया था।

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वह मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं जिसमें कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सगेसोयरे’ (रक्त संबंधी) के तौर पर मान्यता दी गई है। कुनबी कृषक समुदाय है और ओबीसी के अंतर्गत आता है। जरांगे की मांग है कि कुनबी का प्रमाणपत्र मराठा समुदाय के सभी सदस्यों को जारी किया जाए ताकि उन्हें भी आरक्षण का लाभ प्राप्त करने की अर्हता मिल सके। हालांकि, ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके और उनके समर्थक मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की जरांगे की मांग का विरोध कर रहे हैं। हाके ने जोर देकर कहा है कि राज्य सरकार कोई ऐसा फैसला नहीं करे जिससे ओबीसी प्रभावित हों। उन्होंने इस मुद्दे पर अनशन किया था लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया था।

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Maratha Reservation VS OBC Reservation: जरांगे ने कहा, ‘‘कल मैंने कहा था कि मैं अकेला हूं। इसका अभिप्राय है कि अलग-अलग दलों के होने के बावजूद ओबीसी नेता एकजुट हैं लेकिन मेरे समुदाय के नेता मेरे साथ नहीं हैं। उनमें से कई ने कदम पीछे खींच लिए हैं लेकिन मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।’’ उन्होंने सरकार से भी अपील की कि वह मराठा समुदाय की मांगों को पूरा करे। जरांगे ने कहा, ‘‘सरकार को हमारी परिभाषा के तहत ‘सगेसोयरे’ की मांग स्वीकार करनी चाहिए और केवल यह अधिसचूना जारी करनी चाहिए कि मराठा और कुनबी एक हैं। अगर सरकार हैदराबाद, सतारा और बंबई प्रेसीडेंसी के गजट पर भी संज्ञान ले ले तो मराठा समुदाय को आरक्षण मिल जाएगा।’’ जरांगे ने आरोप लगाया कि आरक्षण की मांग करने वाले मराठा समुदाय के लोगों को बदनाम किया जा रहा है।

 

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