नई दिल्ली। हरिद्वार धर्म संसद में अभद्र भाषा का प्रयोग कर लोगों को उकसाने के मामले में जेल में बंद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी है। रिजवी के वकील ने हृदय रोग के इलाज के लिए जमानत की मांग की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए आदेश दिया है कि, जमानत के दौरान वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पर पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद में अभद्र भाषा का प्रयोग कर लोगों को उकसाने का आरोप है। उन्हें इसी साल 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वो जेल में ही थे।
वसीम रिजवी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 12 मई को सुनवाई हुई थी। इस दौरान शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पूरे माहौल को खराब कर रहे हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों को शांति से रहना चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए। अदालत ने कहा कि इससे पहले कि वह दूसरों को जागरूक होने के लिए कहें, उन्हें पहले खुद संवेदनशील बनना होगा। वह संवेदनशील नहीं हैं। यह कुछ ऐसा है जो पूरे माहौल को खराब कर रहा है। पीठ के निशाने पर ‘धर्मसंसद’ में नफरत फैलाने वाले बयान देने वाले वक्ता भी थे।
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वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि त्यागी छह महीने से जेल में बंद हैं और वे कई बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम तीन साल की ही सजा है और इन धाराओं पर उन्हें बेल दी जानी चाहिए।
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