नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मुताबिक 50-55 साल की आयु या फिर नौकरी में 30 वर्ष पूरे करने वाले कर्मचारियों को जनहित में कभी सेवा से हटाया जा सकता है। हालांकि पेंशन रूल्स के ये दो नियम कर्मचारी के परफॉर्मेंस रिव्यू को सीमित नहीं करेंगे।
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इसके साथ ही ऐसे सरकारी कर्मचारी जिन्होंने FR 56(j) और CCS (पेंशन) नियम 1972 के 48वें रूल के मुताबिक रिटेन होने की अनुमति प्राप्त कर ली है, उन्हें भी रिव्यू का सामना करना पड़ सकता है।
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सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि नए नियमों का उद्देश्य फंडामेंटल रूल 56(j)/I और CCS (पेंशन) नियम के 48वे नियम के संदर्भ में पहले जारी आर्डर की व्याख्या की अस्पष्टता को खत्म करना है। उस आदेश में कहा गया था की सरकारी कर्मचारी का परफॉर्मेंस रिव्यू 50/55 वर्ष की उम्र या 30 साल की नौकरी करने के बाद किया जाएगा। इसके बाद जनहित में निर्णय लिया जाएगा कि उसे नौकरी पर रखा जाए या रिटायर किया जाए।
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28 अगस्त के OM इंस्ट्रक्शन का उद्देश्य व्याख्या में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता को खत्म करना है चाहे वह सरकारी कर्मचारी के परफॉर्मेंस रिव्यू के संदर्भ में हो या फिर समय से पहले रिटायरमेंट के बारे में संदर्भ में। अधिकारी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ताजा DoPT ऑफिस मेमोरेंडम में कोई नया नियम नहीं है। ये सब उसी प्रक्रिया का हिस्सा है, जो अब तक केंद्रीय कर्मचारियों के रिटायरमेंट के लिए फ़ॉलो की जाती रही है।
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