उत्तरप्रदेश। Bhagavad Gita In Schools: देशभर में कल शिक्षक दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूल-कॉलजों में कई तरह के आयोजन भी किए। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया है कि स्कूलों की प्रार्थना सभाओं में भगवद गीता या रामचरितमानस के श्लोकों का पाठ किया जाए, ताकि छात्रों में आध्यात्मिक शिक्षा का संचार हो सके। गुरुवार को बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के राज्य पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को यह भी सलाह दी कि वे ट्रेड यूनियन सदस्यों की तरह व्यवहार न करें क्योंकि यह उनके पेशे की गरिमा के खिलाफ है।
इस दौरान उन्होंने कहा, “शिक्षक ट्रेड यूनियन सदस्यों की तरह व्यवहार नहीं कर सकते, क्योंकि इससे उनकी प्रतिष्ठा कम होती है। शिक्षक जब ऐसा करते हैं, तो वे अपने ही सम्मान को जोखिम में डालते हैं।” इस कार्यक्रम का आयोजन योगिराज बाबा गंभीरनाथ ऑडिटोरियम में किया गया था। मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए राज्य के लोगों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राधाकृष्णन को एक महान दार्शनिक और विद्वान बताया, जिनकी जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है।
आध्यात्मिक शिक्षा का महत्व
सीएम योगी ने कहा कि, स्कूलों में एक सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए अध्यात्म का समावेश किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, सुबह की प्रार्थना सभा में भगवद गीता या रामचरितमानस के श्लोकों पर आधारित पांच मिनट का संबोधन बच्चों के मन में एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है।
शिक्षकों की जिम्मेदारी और समाज में सम्मान
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने मुद्दों को लोकतांत्रिक ढंग से उठाएं और आश्वासन दिया कि अगर शिक्षक अपने मुद्दों को सीधा और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करेंगे, तो उस पर ध्यान दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में 41 बेसिक शिक्षा विभाग और 13 माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षक समाज का केंद्र होते हैं और इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “सिर्फ डिग्री प्राप्त करने से ज्ञान नहीं आता, इसके लिए अभ्यास और समर्पण जरूरी है। कठिन मार्ग को अपनाने से प्राप्त परिणाम सबसे बेहतर होते हैं।”
बताया शिक्षा में नवाचार का महत्व
Bhagavad Gita In Schools: सीएम योगी ने कहा कि नई शिक्षा नीति (NEP) ने शिक्षा के क्षेत्र में नए मील के पत्थर स्थापित किए हैं। उन्होंने शिक्षकों को पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ नवाचार को अपनाने की सलाह दी और कहा कि, नवाचार हर क्षेत्र में आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “शिक्षक देश के भविष्य के निर्माता होते हैं, इसलिए उन्हें हमेशा नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण के साथ जुड़ने की अपील की।
दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है, एक्यूआई 400 के…
3 hours ago