भुवनेश्वर, 20 दिसंबर (भाषा) पुरी के जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को देवताओं के दर्शन की बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए व्यवस्था की जा रही है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि श्रद्धालुओं को अक्सर भीड़भाड़ के कारण गर्भगृह में देवताओं के दर्शन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पाधी ने कहा, ‘इस कदम के तहत ‘नटमंडप’ (नृत्य हॉल) में अलग से अवरोधक लगाए जाएंगे, साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।’
उन्होंने कहा कि ‘नटमंडप’ में छह पंक्तियों में लकड़ी के अवरोधक लगाने की योजना बनाई जा रही है।
पाधी ने कहा कि इस कार्य के लिए ‘ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड’ को नियुक्त किया गया है और उसने वर्ष के अंत तक इस कार्य को पूरा करने का आश्वासन दिया है।
नई व्यवस्था संभवतः एक जनवरी 2025 से लागू होगी।
उन्होंने कहा कि इस कार्य से मंदिर में दैनिक अनुष्ठान और ‘रत्न भंडार’ (कोष कक्ष) के मरम्मत कार्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
पाधी ने यह भी कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने रत्न भंडार का जीर्णोद्धार कार्य तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
प्रसाद प्राप्ति की सुचारू प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए ‘आनंद बाजार’ में भी विशेष व्यवस्था की जाएगी।
इस संबंध में एक समिति भी गठित की गई है।
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने हाल में नई व्यवस्था के नियामक ढांचे को निर्धारित करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की थी। जगन्नाथ मंदिर का संचालन कानून विभाग द्वारा किया जाता है।
भाषा
योगेश वैभव
वैभव
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