मोदी से पहले नेहरू ने 1955, इंदिरा गांधी ने 1971 और 1983 में ऑस्ट्रिया की यात्रा की |

मोदी से पहले नेहरू ने 1955, इंदिरा गांधी ने 1971 और 1983 में ऑस्ट्रिया की यात्रा की

मोदी से पहले नेहरू ने 1955, इंदिरा गांधी ने 1971 और 1983 में ऑस्ट्रिया की यात्रा की

:   Modified Date:  July 7, 2024 / 10:59 PM IST, Published Date : July 7, 2024/10:59 pm IST

नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी ऑस्ट्रिया यात्रा 41 वर्षों में भारत की ओर से किसी प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी। उनसे पहले इंदिरा गांधी ने 1971 और 1983 में इस देश की यात्रा की थी।

मोदी की यह आधिकारिक यात्रा नौ-दस जुलाई को उस वक्त हो रही है जब भारत और ऑस्ट्रिया अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं।

वर्ष 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री के रूप में 1955 में ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा की थी।

विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भारत-ऑस्ट्रिया द्विपक्षीय संबंधों के विवरण के अनुसार, भारत और ऑस्ट्रिया के बीच नेताओं, मंत्रियों तथा सांसदों के स्तर पर यात्राओं का नियमित आदान-प्रदान होता रहा है, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि दोनों देश अपने संबंधों को और मजबूत करने को महत्व देते हैं।

इस पर भारत के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों की ऑस्ट्रिया यात्राओं का इतिहास भी साझा किया गया है।

विवरण के अनुसार, इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में 1971 में ऑस्ट्रिया की अपनी पहली यात्रा की थी। इसके बाद 1980 में तत्कालीन ऑस्ट्रियाई चांसलर ब्रूनो क्रेस्की की भारत यात्रा हुई थी। वर्ष 1983 में गांधी की ऑस्ट्रिया की दूसरी यात्रा के बाद 1984 में तत्कालीन ऑस्ट्रियाई चांसलर फ्रेड सिनोवाट्ज़ की भारत यात्रा हुई थी।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि गांधी 1983 की अपनी यात्रा के दौरान 16-18 जून तक वियना में थीं।

हालांकि, इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद भारत से किसी प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया की यात्रा नहीं की, लेकिन राष्ट्रपति स्तर की यात्राएं जरूर हुईं।

विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन ने ऑस्ट्रिया की यात्रा की। इसके बाद 2005 में ऑस्ट्रिया के तत्कालीन राष्ट्रपति हेंज फिशर ने भारत की यात्रा की थी। वर्ष 2010 में तत्कालीन ऑस्ट्रियाई उप-चांसलर जोसेफ प्रोल भारत आए और इसके बाद 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने ऑस्ट्रिया की यात्रा की।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को मीडिया को प्रधानमंत्री मोदी के आठ-दस जुलाई की रूस और ऑस्ट्रिया की आगामी यात्रा के बारे में जानकारी दी।

प्रधानमंत्री 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर आठ-नौ जुलाई को मॉस्को की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।

यात्रा के दूसरे चरण में, मोदी ऑस्ट्रियाई चांसलर के निमंत्रण पर नौ-दस जुलाई को ऑस्ट्रिया की यात्रा करेंगे।

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी। प्रधानमंत्री ने अक्टूबर 2021 में ग्लासगो में सीओपी26 के मौके पर तत्कालीन ऑस्ट्रियाई चांसलर (अब विदेश मंत्री) शालेनबर्ग से मुलाकात की थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की ओर से ऑस्ट्रिया की प्रधानमंत्री स्तर की पिछली यात्रा 40 साल से भी अधिक समय पहले हुई थी।’

अपनी यात्रा के दौरान मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और वियना में भारतीय समुदाय के साथ संवाद भी करेंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 31 दिसंबर 2022 से तीन जनवरी 2023 तक ऑस्ट्रिया की यात्रा की थी।

यात्रा के दौरान, उन्होंने ऑस्ट्रियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन, चांसलर कार्ल नेहमर और नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष वोल्फगैंग सोबोटका से मुलाकात की थी।

वर्ष 2022 में ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री शालेनबर्ग की भारत यात्रा के दौरान दोनों मंत्रियों ने ‘राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक और राजनय संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम’ पर चर्चा की थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रिया की अपनी यात्रा से पहले रविवार को कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के मौके पर इस मध्य यूरोपीय देश की यात्रा करना वास्तव में सम्मान की बात है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने तथा सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कही, जिसमें कहा गया है कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अगले सप्ताह वियना में स्वागत करने के लिए बहुत उत्सुक हैं।

नेहमर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘यह यात्रा एक विशेष सम्मान है, क्योंकि यह 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मेरे देश की पहली यात्रा है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।’’

भाषा

नेत्रपाल सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)