नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि धर्म के आधार पर विभाजनकारी राजनीति बांग्लादेश और भारत दोनों के लिए हानिकारक है।
माकपा ने एक बयान में कहा, ‘‘बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कई घटनाएं हुई हैं, जिनसे उनकी सुरक्षा को खतरा है।’’
पार्टी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से बिना देरी किए कार्रवाई करने को कहा। माकपा ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब कट्टरपंथी ताकतें सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के लिए सक्रिय हैं, बांग्लादेश के अधिकारियों ने सांप्रदायिक हमलों को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। शांति और सद्भाव के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को बिना देरी किए कार्रवाई करनी होगी।’’
हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश में राजद्रोह के मामले में गिरफ़्तार किया गया था। बाद में उन्हें एक अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद राजधानी ढाका और बंदरगाह शहर चटगांव सहित विभिन्न स्थानों पर समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
माकपा ने कहा कि भारत में हिंदुत्ववादी ताकतें कथित तौर पर भड़काऊ प्रचार में लिप्त हैं। बयान में कहा गया, ‘‘इस संबंध में, भारत में हिंदुत्ववादी ताकतें भड़काऊ प्रचार में लिप्त हैं। उनके इरादे संदिग्ध हैं क्योंकि ये वही ताकतें हैं जो मुसलमानों को भड़काने के साथ-साथ अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमलों के लिए जिम्मेदार हैं।’’
पार्टी ने कहा, ‘‘धार्मिक सांप्रदायिकता पर आधारित विभाजनकारी राजनीति बांग्लादेश और भारत दोनों के लिए हानिकारक है।’’
भाषा आशीष नेत्रपाल
नेत्रपाल
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