नई दिल्ली: पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव को कोर्ट से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही हैं। आज हुई सुनवाई में जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से सीधे कई सवाल पूछे, साथ ही पीठ ने पतंजलि द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए विज्ञापन पर भी सवाल उठाए हैं। (Baba ramdev patanjali case) अब इस मामले में 30 अप्रैल को फिर से सुनवाई होगी और इस सुनवाई के दौरान भी स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
दरअसल पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद, रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को तय की है। पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण और बाब रामदेव आज व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित हुए थे।
सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव से जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले एक हफ्ते बाद माफी क्यों दाखिल की गई। जस्टिस कोहली ने कहा. “क्या माफ़ी का आकार आपके विज्ञापनों के समान है?”
सुप्रीम कोर्ट आज 23 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा है। (Baba ramdev patanjali case) योग गुरु रामदेव के सह-स्वामित्व वाली पतंजलि आयुर्वेद, बीमारियों या बीमारियों को ठीक करने का दावा करने वाले औषधीय उत्पादों के विज्ञापन और ब्रांडिंग के लिए रडार पर हैं।
Justice Hima Kohli to Patanjali : Is the apology the same size as your advertisements?
Rohatgi (for Patanjali) : Published in 67 papers. It costs tens of lakhs of rupees.
J Kohli : Does it cost the same tens of lakhs of rupees for the full-page advertisements you published? https://t.co/Jj0a5gGHeR
— Live Law (@LiveLawIndia) April 23, 2024
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