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नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) आयुष्मान भारत योजना को कैंसर के इलाज में बेहद उपयोगी बताते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि इस बीमारी के रोगियों के इलाज के लिए वर्ष 2025-26 में करीब 200 ‘डे कैंसर केयर सेंटर’ और बाद में सभी जिलों में ऐसे केंद्र खोले जाएंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना कैंसर के इलाज में बेहद उपयोगी है। लांसेट की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन से आज भारत में कैंसर का इलाज स्क्रीनिंग के 30 दिन के अंदर शुरु हो रहा है, जो बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में ‘डे कैंसर केयर सेंटर’ खोले जाने की बात की गई और देश के हर जिले में ये केंद्र खोले जाएंगे।
नड्डा के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2025-26 के बजट में ऐलान किया है कि 25-26 में 200 ‘डे कैंसर केयर सेंटर’ खोले जाएंगे और बाद में सभी जिलों में इन्हें खोला जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इनका कैंसर के मरीजों को बहुत लाभ होगा। झज्जर में 700 बिस्तरों का, देश का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल है। इसमें तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन ‘डे कैंसर केयर सेंटर’ में भी आधुनिक सुविधाएं होंगी जिसकी वजह से इनकी उपयोगिता बढ़ जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’ (एनएचएम) के तहत स्वास्थ्य को ‘एफोडेर्बल, एक्सेसिबल और एक्विटिबल’ बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पर जोर दिया जाता है और सरकार की ओर से इसके लिए कई तरह से सहयोग दिया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसकी योजना नीचे से बनाई जाती है जिसमें देखा जाता है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर में किस तरह की जरूरत है। उनके अनुसार, यह ‘प्लान इम्प्लीमेंटेशन प्रोग्राम’ (पीआईपी) के तहत होता है। इसके तहत देखा जाता है कि आरोग्य मंदिर को इमारत, मानव संसाधन, उपकरण में से किसकी जरूरत है और फिर राशि दी जाती है और इस तरह अवसंरचना विकसित की जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी के नीरज शेखर के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि पूर्वांचल में सबसे पहले गोरखपुर में एम्स खोला गया जिसकी ओपीडी और आईपीडी में पूरी भर्ती हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बीएचयू के परिसर में अलग से कोई एम्स संस्थान नहीं खोला जा सकता। बीएचयू के साथ केंद्र ने एमओयू किया जिसके अनुसार, बीएचयू के मेडिकल कालेज का उन्नयन कर उसे एम्स के स्तर का बना रहे हैं।
आशा कार्यकर्ताओं के काम की सराहना करते हुए नड्डा ने कहा कि वह बहुत अच्छा काम कर रही हैं और उनके प्रयासों से आज मातृमृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।
कांग्रेस की रंजीत रंजन ने जानना चाहा कि छत्तीसगढ़ का आयुष्मान भारत योजना का कितना पैसा केंद्र पर बकाया है।
इस पर नड्डा ने कहा कि कोई पैसा बकाया नहीं है फिर भी जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ओर से किसी भी राज्य को आयुष्मान भारत योजना के बिलों की राशि बकाया नहीं है। कुछ मामले ऐसे होते हैं जिनमें हमें पुन: जांच करनी होती है।’’
भाजपा के अशोक राव चव्हाण ने कहा कि दिक्कत पैसों की नहीं है लेकिन समस्या कार्यान्वयन को लेकर है। उन्होंने कहा, ‘‘कई अस्पतालों में मशीनें रखरखाव के अभाव में बंद पड़ी हैं तो कहीं अवसंरचना की समस्या है तो कहीं डॉक्टरों की भर्ती नहीं हो पाई है, गांवों में तय समय पर इमारतें तैयार नहीं हो पातीं। केंद्र से पैसा तो मिलता है लेकिन बाकी जिम्मा तो राज्य का होता है।’’
इस पर नड्डा ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय नीति के तहत काम किया जा रहा है ताकि कौशल विकास हो सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्यों के कामकाज की भी समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एनएचएम के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट अनुमान 37,226 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 36,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि अब तक 33,504 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
भाषा मनीषा ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र
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