आतिशी ने किसी भी उप-पंजीयक कार्यालय में संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़ी नीति को मंजूरी दी |

आतिशी ने किसी भी उप-पंजीयक कार्यालय में संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़ी नीति को मंजूरी दी

आतिशी ने किसी भी उप-पंजीयक कार्यालय में संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़ी नीति को मंजूरी दी

:   Modified Date:  October 30, 2024 / 06:56 PM IST, Published Date : October 30, 2024/6:56 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने किसी भी उप-पंजीयक कार्यालय में संपत्तियों के पंजीकरण से जुड़ी नीति को बुधवार को मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा कि लोगों को अपनी संपत्ति के स्थान के अनुसार उसके पंजीकरण के लिए विशिष्ट उप-पंजीयक कार्यालय नहीं जाना पड़े, इस बाबत मुख्यमंत्री ने ‘कहीं भी पंजीकरण’ नीति को मंजूरी दी।

बयान के मुताबिक इस नीति से लोगों को संपत्ति के पंजीकरण के लिए लंबी कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगने के साथ ही पारदर्शिता बढ़ेगी। इसमें कहा गया है कि नयी नीति के तहत दिल्ली के सभी उप-पंजीयक संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में काम करेंगे, जिनके अधिकार क्षेत्र में पूरी राष्ट्रीय राजधानी आएगी।

बयान के अनुसार संपत्ति मालिक अब अपनी सुविधा के हिसाब से दिल्ली के 22 उप-पंजीयक कार्यालय में से किसी में भी पंजीकरण के लिए ऑनलाइन समय ले सकते हैं।

वर्तमान प्रक्रिया के तहत दिल्ली में संपत्ति खरीदने या किसी संपत्ति का पंजीकरण कराने वालों के लिए एक निर्दिष्ट उप-पंजीयक कार्यालय जाना आवश्यक था।

सीएमओ ने बयान में कहा कि पुरानी प्रक्रिया में अक्सर कई चुनौतियां सामने आती थीं, जिनमें लंबी प्रतीक्षा कतारें और कुछ कार्यालयों में समय लेने में देरी शामिल थी।

आतिशी ने कहा, ‘‘इन मुद्दों के समाधान के लिए हम यह नीति शुरू कर रहे हैं। यदि लोगों को अपनी संपत्ति का पंजीकरण कराना है, तो वे दिल्ली के किसी भी उप-पंजीयक कार्यालय में जा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संपत्तियों के पंजीकरण के लिए अब लोग एक ही कार्यालय तक सीमित नहीं रहेंगे।’’

सीएमओ ने बयान में कहा कि इस नीति के तहत पंजीकरण कार्य में तेजी लाने के लिए लोगों से पैसों की मांग करने वाले बिचौलियों भी अंकुश लगाया जा सकेगा।

बयान के मुताबिक प्रत्येक कार्यालय में प्राप्त आवेदनों की संख्या पर नजर रखने से सबसे अधिक सहूलियत वाले कार्यालयों की पहचान करने और निवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में भी मदद मिलेगी।

भाषा पारुल देवेंद्र

देवेंद्र

 

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