गुवाहाटी, 30 मार्च (भाषा) चौदहवें दलाई लामा के अपनी मातृभूमि तिब्बत से भागकर भारत आने के 65 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में असम राइफल्स ने आध्यात्मिक नेता के साथ अपने निरंतर सहयोग को याद किया।
दलाई लामा को सुरक्षित लाने की जिम्मेदारी असम राइफल्स को ही सौंपी गई थी।
बल की 5वीं बटालियन को दलाई लामा और उनके दल को नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश) के माध्यम से असम में सुरक्षित लाने का काम दिया गया था। दलाई लामा ने 31 मार्च, 1959 को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया था।
अर्धसैनिक बल ने एक बयान में कहा, ‘‘1959 में दलाई लामा की 5वीं असम राइफल्स की सुरक्षा संबंधी विरासत भारत और तिब्बत के साझा इतिहास में एक मर्मस्पर्शी अध्याय बनी हुई है, जो दोस्ती, समर्थन और मानवतावाद की स्थायी भावना का प्रतीक है।’’
इसने कहा, ‘‘दलाई लामा के साथ संबंध वर्षों से जारी है। बल का एक समूह, जिसे अकसर ‘दलाई लामा बटालियन’ कहा जाता है, हर साल हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में उनसे आशीर्वाद लेने के लिए जाता है।’’
भाषा
नेत्रपाल माधव
माधव
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