असम सरकार ने प्रस्तावित तीन आरक्षित वनों को गैर अधिसूचित करने का फैसला लिया |

असम सरकार ने प्रस्तावित तीन आरक्षित वनों को गैर अधिसूचित करने का फैसला लिया

असम सरकार ने प्रस्तावित तीन आरक्षित वनों को गैर अधिसूचित करने का फैसला लिया

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Modified Date: February 1, 2025 / 12:55 AM IST
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Published Date: February 1, 2025 12:55 am IST

गुवाहाटी, 31 जनवरी (भाषा) असम सरकार ने तिनसुकिया जिले में प्रस्तावित तीन आरक्षित वनों (पीआरएफ) को गैर अधिसूचित करने का शुक्रवार को फैसला किया ताकि इससे 20,000 से अधिक निवासियों को भूमि का अधिकार मिल सके। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी।

शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने पीआरएफ को राजस्व गांवों में बदलने को मंजूरी दी ताकि क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भूमि अधिकार मिल सके।

मुख्यमंत्री ने यहां देर रात आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘‘तिनसुकिया में प्रस्तावित तीन आरक्षित वन हैं। हमने उन्हें गैर अधिसूचित करने और राजस्व गांव बनाने का निर्णय लिया है जिससे वहां रहने वाले लोगों को भूमि का अधिकार प्राप्त करने में मदद मिलेगी।’’

प्रस्तावित तीन आरक्षित वनों में तलपाथर (170 हेक्टेयर), मोहोंगपाथर (466 हेक्टेयर) और दुआर्माराह का एक हिस्सा (113 हेक्टेयर) शामिल है।

शर्मा ने बताया, ‘‘इन गांवों में 20,000 से अधिक लोग रहते हैं और पीआरएफ के प्रतिबंधों के कारण उन्हें कोई भूमि अधिकार नहीं मिल रहा था। इसीलिए हमने इन पीआरएफ को आरक्षित वन बनाने के बजाय राजस्व गांव बनाने का फैसला किया है।’’

भाषा प्रीति शफीक

शफीक

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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