असमः अतिक्रमण रोधी कार्रवाई के बाद कोचुटोली गांव में स्थिति की डीजीपी ने समीक्षा की |

असमः अतिक्रमण रोधी कार्रवाई के बाद कोचुटोली गांव में स्थिति की डीजीपी ने समीक्षा की

असमः अतिक्रमण रोधी कार्रवाई के बाद कोचुटोली गांव में स्थिति की डीजीपी ने समीक्षा की

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 05:22 PM IST, Published Date : September 13, 2024/5:22 pm IST

गुवाहाटी, 13 सितंबर (भाषा) असम के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) जी पी सिंह ने शुक्रवार को कामरूप (महानगर) जिले के कोचुटोली गांव में स्थिति की समीक्षा की जहां कथित अतिक्रमणकारियों को हटाने के अभियान के दौरान पुलिस की गोलीबारी में दो व्यक्ति मारे गए और 11 अन्य घायल हो गए थे।

पुलिसकर्मियों की तैनाती और स्थिति की समीक्षा करने के बाद डीजीपी ने संवाददाताओं को बताया कि बृहस्पतिवार को पुलिस पर ग्रामीणों द्वारा किए गए हमले के पीछे एक खास वर्ग की ‘साजिश’ होने का संदेह है, क्योंकि अतिक्रमण हटाने का अभियान सोमवार से शांतिपूर्ण ढंग से जारी था।

सिंह ने कहा, ‘अतिक्रमण हटाने का काम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन बृहस्पतिवार को एक खास वर्ग ने पुलिस पर धारदार हथियारों से हमला करना शुरू कर दिया। पास में रेल पटरी है जहां से हमलावरों ने पत्थर उठाकर आधिकारिक ड्यूटी पर तैनात लोगों पर फेंके।’

उन्होंने कहा कि पुलिस को मजबूरी में गोलियां चलानी पड़ीं, जिसके कारण दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई तथा 22 पुलिसकर्मी और 11 ग्रामीण घायल हो गए।

सिंह ने कहा कि जिला पुलिस और रेलवे पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है क्योंकि ‘हमें संदेह है कि इसमें साजिश है और हमले के लिए उकसाया गया है।’

इस सवाल पर कि अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, डीजीपी ने कहा कि पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।

इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा क्योंकि लोग जनजातीय क्षेत्र की भूमि पर अवैध रूप से बस गए थे जो कुछ जनजातियों और संरक्षित वर्गों के लिए आरक्षित है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा, ‘यह कांग्रेस ही थी जिसने घोषणा की थी कि भूमि आदिवासियों के लिए आरक्षित है, लेकिन अब जब हम अवैध निवासियों द्वारा कब्जा की गई भूमि को खाली करा रहे हैं तो वे ही हैं जो लोगों को बाहर आने और ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए उकसा रहे हैं।’

एक अधिकारी ने बताया कि डीजीपी की समीक्षा के बाद अतिक्रमण हटाने का अभियान फिर से शुरू होने की उम्मीद है।

डीजीपी ने कहा कि हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि क्षेत्र में रहने वाले लोगों का एक नया वर्ग संरक्षित वर्ग से संबंधित नहीं है और सरकार ने कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

सोनापुर अंचल कार्यालय और पुलिस की एक टीम बांग्ला भाषी मुस्लिम ग्रामीणों को हटाने के लिए कोचुटोली गांव गई थी। उन्हें पहले भी अतिक्रमण की गयी भूमि से हटाया गया था, लेकिन वे फिर से वापस आ गए थे।

महिलाओं सहित ग्रामीणों ने अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियारों, लाठियों और पत्थरों से हमला कर दिया।

भाषा

शुभम पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)