नलबाड़ी, छह नवंबर (भाषा) असम के नलबाड़ी जिले की एक अदालत ने एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ अधीनस्थ अधिकारी को प्रताड़ित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
नलबाड़ी जिले की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पी. गोस्वामी ने सोमवार को अपने फैसले (मामला संख्या: सीआर/231/2024) में उल्लेख किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान ‘‘कुछ घटनाएं’’ हुईं और इसलिए पश्चिम नलबाड़ी की तत्कालीन क्षेत्राधिकारी (सीओ) अर्पणा सरमाह की वरिष्ठ सहयोगी एवं जिला आयुक्त (डीसी) वर्नाली डेका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया।
गोस्वामी ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मामले के तथ्यों पर विचार करते हुए मेरा यह मानना है कि पुलिस अपने कर्तव्य को निभाने में विफल रही है। शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों के लिए प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और कानून के अनुसार इस मामले की उचित जांच की जानी चाहिए।’’
उन्होंने नलबाड़ी थाने के प्रभारी अधिकारी को मामला दर्ज करने, जांच करने और डेका के खिलाफ सरमाह की शिकायत से संबंधित अंतिम रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
सरमाह ने नलबाड़ी में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के एक दिन बाद आठ मई को डेका के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने चुनाव ड्यूटी के दौरान ‘‘मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक रूप से अपमानित करना और धमकी देने’’ का आरोप लगाया था।
इसके बाद डीसी की रिपोर्ट पर क्षेत्राधिकारी को निलंबित कर दिया गया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने चुनाव के दौरान अपना कर्तव्य पूरा नहीं किया और अपना काम बीच में ही छोड़कर चली गईं।
न्यायाधीश ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कराना शिकायतकर्ता का अधिकार है तथा संबंधित अधिकारी का यह कर्तव्य है कि वह संज्ञेय अपराध का खुलासा करने वाली सूचना के आधार पर मामला दर्ज करे।
सरमाह ने मई में पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि डेका ने उनके साथ ‘‘दुर्व्यवहार’’ किया था।
भाषा
देवेंद्र अविनाश
अविनाश
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