असम कोयला खदान हादसाः सरकार ने न्यायिक और एसआईटी जांच का ऐलान किया |

असम कोयला खदान हादसाः सरकार ने न्यायिक और एसआईटी जांच का ऐलान किया

असम कोयला खदान हादसाः सरकार ने न्यायिक और एसआईटी जांच का ऐलान किया

Edited By :  
Modified Date: January 16, 2025 / 09:08 PM IST
,
Published Date: January 16, 2025 9:08 pm IST

मोरीगांव/गुवाहाटी, 16 जनवरी (भाषा) असम सरकार ने उमरंगसो कोयला खदान हादसे की न्यायिक जांच की बृहस्पतिवार को घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने पुलिस जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी ऐलान किया।

इस हादसे में चार खनिकों की मौत हो गई थी और पांच अन्य अब भी खदान में फंसे हुए हैं।

सरकार ने हादसे में जान गंवाने वाले खनिकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इस बीच, अधिकारियों का कहना है कि भूमिगत खदान में पानी का संभवत: ताजा रिसाव होने की वजह से जल निकासी की प्रक्रिया धीमी हो गई है।

दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो इलाके में स्थित एक कोयला खदान में छह जनवरी को अचानक पानी भर जाने से नौ खनिक अंदर ही फंस गए थे। बचाव अभियान में अबतक चार खनिकों के शव बरामद किये गए हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मोरीगांव में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘हमने उमरंगसो हादसे के बारे में विस्तार से चर्चा की और घटनास्थल पर तैनात अधिकारियों ने जमीनी हालात से अवगत कराया है।”

उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर मौजूद भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कोल इंडिया, ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और नौसेना जैसी एजेंसियों के आकलन के अनुसार खदान में लगभग 1,400 करोड़ लीटर पानी था।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब तक लगभग 400 करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका है और यदि जल निकासी का काम इसी गति से जारी रहा तो इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 25 से 60 दिन लगेंगे। हमने एजेंसियों से कहा है कि वे सेना की मौजूदगी में इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखें जब तक कि हम तार्किक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाते।’’

शर्मा ने कहा कि शेष पांच खनिकों के बचने की संभावना अब बहुत कम है और उन्होंने सभी नौ श्रमिकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने घटना की न्यायिक जांच को मंजूरी दे दी है, जिसमें न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अनिमा हजारिका एक सदस्यीय समिति का नेतृत्व करेंगी और तीन महीने के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।

शर्मा ने कहा, ‘‘ पुलिस महानिदेशक को घटना की आपराधिक जांच के लिए एसआईटी गठित करने को कहा गया है और न्यायमूर्ति हजारिका समिति एसआईटी की निगरानी करेगी। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी क्षेत्र में 220 ऐसी ही ‘रैट-होल’ कोयला खदानों की जानकारी मिली हैं और उपग्रह मानचित्रण प्रौद्योगिकी का उपयोग करके यह पता लगाया जाएगा कि ये खदान पहली बार कब खोली गई थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को इसे पूरा करने तथा समयसीमा निर्धारित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) या विदेशी एजेंसियों की मदद लेने को कहा गया है।’’

शर्मा ने कहा कि इन खदानों को बंद करने की प्रक्रिया भी केंद्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान के परामर्श से शुरू की जाएगी।

इस बीच, दीमा हसाओ में अधिकारियों ने कहा कि शेष पांच खनिकों को बचाने का अभियान भूमिगत खदान में पानी के ताजा रिसाव के कारण बाधित हो रहा है, जिससे जल निकासी की प्रक्रिया धीमी हो रही है।

उन्होंने बताया कि खदान से पानी निकालने के लिए कई पंप लगाए गए हैं लेकिन जलस्तर धीमी गति से घट रहा है, जिससे बचाव कार्य में देरी हो रही है।

अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान बचाव अभियान में लगे हुए हैं, जबकि नौसेना के गोताखोरों को बुलाया गया है।

सेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि स्पीयर कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस पेंढारकर ने घटनास्थल का दौरा किया और बचाव अभियान में शामिल विशेषज्ञ सैन्य टुकड़ियों, असम राइफल्स और अन्य एजेंसियों के साथ बातचीत की।

इसमें कहा गया है कि सेना के गोताखोर अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करके नियमित तलाशी अभियान चला रहे हैं।

सेना ने बताया कि इसमें कहा गया है कि ‘सैपर्स’ दस दिनों से अधिक समय से असैन्य प्रशासन की सहायता कर रहे हैं और वर्तमान में 15 पंप का उपयोग करके 7.9 लाख लीटर प्रति घंटे की दर से खदान से पानी निकालने में लगे हुए हैं।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers