असम में बाढ़ पर चिंता करे सरकार, जलशक्ति मंत्री और एनडीआरएफ का दल भेजा जाए: गोगोई |

असम में बाढ़ पर चिंता करे सरकार, जलशक्ति मंत्री और एनडीआरएफ का दल भेजा जाए: गोगोई

असम में बाढ़ पर चिंता करे सरकार, जलशक्ति मंत्री और एनडीआरएफ का दल भेजा जाए: गोगोई

:   Modified Date:  July 2, 2024 / 04:07 PM IST, Published Date : July 2, 2024/4:07 pm IST

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) असम से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार से मांग की कि जलशक्ति मंत्री को आज ही असम भेजा जाए और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक दल को भी बाढ़ बचाव के लिए वहां भेजा जाए।

गोगोई ने लोकसभा में मंगलवार को कहा कि असम में बाढ़ के कारण खतरनाक स्थिति है और जमीन कटाव से लोगों को परेशानी हो रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए और जलशक्ति मंत्री तथा एनडीआरएफ के एक दल को राज्य में भेजना चाहिए।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए गोगोई ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इस लोकसभा चुनाव में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि इससे पहले के दो आम चुनाव में भाजपा के सांसद नरेन्द्र मोदी के नाम पर जीतकर आए थे, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के नाम पर नहीं स्वयं अपने परिश्रम से वे जीतकर आए हैं।

गोगोई ने कहा, ‘‘इस बार जनता ने सरकार को नहीं बल्कि मजबूत विपक्ष को चुना है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग संविधान को बचाने का संघर्ष जारी रखेंगे और गरीबों, युवाओं, छोटे व्यापारियों, करदाताओं की आवाज उठाते रहेंगे।

गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी पर लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में ‘भय और भ्रम के दो अस्त्रों’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन देशवासियों ने इस बार उन्हें दिखा दिया है कि वे ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग से डरते नहीं है।’’

गोगोई ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी और डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाएं हटाकर दूसरे स्थान पर स्थापित किए जाने का जिक्र करते हुए लोकसभा अध्यक्ष से मांग की कि इन प्रतिमाओं को पूर्व स्थान पर ही रखा जाना चाहिए।

इस पर पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने कहा कि संसद परिसर में पहली बार एक विशेष वीथिका बनाई गई है जहां बाबासाहेब आंबेडकर और महाराणा प्रताप से लेकर सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं को एक ही स्थान पर रखा गया है।

उन्होंने कहा कि जब बाहर का कोई शिष्टमंडल या संसद सदस्य उस स्थान को जाकर देखेंगे तो उन्हें लगेगा कि संसद और संविधान भवन के साथ ही एक स्थान पर सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं को उचित तरीके से रखा गया है।

भाषा वैभव माधव

माधव

 

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