गुवाहाटी, 23 मार्च (भाषा) असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने कहा कि विभिन्न स्थानों पर प्रश्नपत्र लीक होने की खबरों के बाद असम राज्य बोर्ड की 11वीं कक्षा की 24 से 29 मार्च तक होने वाली सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं।
राज्य के छात्र संगठनों नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), सत्र मुक्ति संग्राम समिति (एसएमएसएस) और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) ने मामले की उचित जांच की मांग की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत असम सरकार की आलोचना करते हुए पेगु के इस्तीफे तथा राज्य बोर्ड के प्रमुख आर. सी. जैन को निलंबित करने की मांग की।
इससे पहले, असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) की 21 मार्च को होने वाली उच्चतर माध्यमिक प्रथम वर्ष की गणित की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था, जिसके कारण अधिकारियों को परीक्षा रद्द करनी पड़ी। अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
उच्चतर माध्यमिक प्रथम वर्ष या कक्षा 11 की परीक्षाएं छह मार्च को शुरू हुई थीं और 29 मार्च तक जारी रहने वाली थीं।
पेगू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रश्नपत्र लीक होने और प्रोटोकॉल के उल्लंघन की खबरों के कारण शेष विषयों की एचएस प्रथम वर्ष की परीक्षा 2025 (24-29 मार्च तक निर्धारित) को रद्द कर दिया गया है।’’
असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) के आधिकारिक आदेश को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के नए कार्यक्रम के संबंध में आगे की कार्रवाई सोमवार को बोर्ड की बैठक में तय की जाएगी।
मंत्री ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि राज्यभर में तीन सरकारी संस्थानों सहित 18 स्कूलों ने निर्धारित परीक्षा से एक दिन पहले सुरक्षा सील तोड़ दी थी जिससे गणित का प्रश्नपत्र लीक हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘एएसएसईबी ने 11वीं कक्षा के गणित के प्रश्नपत्रों की सील निर्धारित समय से पहले तोड़े जाने और उनके लीक होने के कारण 10 जिलों के 15 निजी स्कूलों की संबद्धता निलंबित कर दी है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार इसी तरह नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन अन्य स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी।’’
पेगु ने कहा कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी और इन स्कूलों को 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए कक्षा 11 में छात्रों को प्रवेश देने से रोक दिया गया है।
परीक्षा नियंत्रक (प्रभारी) रंजन कुमार दास की ओर से जारी एएसएसईबी आदेश के अनुसार, सभी स्कूल निरीक्षकों और प्रमुख कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को गणित के प्रश्नपत्र के सीलबंद पैकेट मिल गए हैं।
आदेश के अनुसार, ‘‘…उनकी रिपोर्ट से यह पता चलता है कि कुछ संस्थानों ने प्रश्नपत्रों के सीलबंद पैकेट 20/03/2025 को खोले थे, जबकि परीक्षा 21/03/2025 के दूसरे सत्र में आयोजित होने वाली थी।’’
आदेश में कहा गया, ‘‘यह माना जा रहा है कि बाकी प्रश्नपत्रों के लीक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि शेष विषयों के सभी प्रश्नपत्र असम के प्रत्येक संस्थान के पास हैं जहां परीक्षा आयोजित की जा रही है।’’
दास ने आदेश में कहा कि इसलिए 24 मार्च से 29 मार्च तक एचएस प्रथम वर्ष की सभी शेष विषयों की परीक्षा रद्द कर दी गई है।
दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि गुवाहाटी स्थित सीआईडी मुख्यालय में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जबकि शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ संबंधित थानों में 18 अन्य मामले दर्ज कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि 18 केंद्रों में से सभी ने प्रश्नपत्र लीक नहीं किए हैं। संभवतः केवल एक या दो केंद्रों ने प्रश्नपत्र लीक किए और वे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गए। पुलिस विस्तृत जांच कर दोषियों का पता लगाएगी।’’
असम के बारपेटा जिले में पिछले सप्ताह नौंवी कक्षा की अंग्रेजी की वार्षिक परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था, जिसके बाद इसे भी रद्द कर दिया गया था।
कांग्रेस की छात्र शाखा ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) ने कहा कि पेपर लीक होना युवा पीढ़ी के भविष्य की रक्षा करने में सरकार की विफलता को दर्शाता है।
एनएसयूआई की असम शाखा के अध्यक्ष कृष्णु बरुआ ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पेपर लीक की लगातार घटनाओं के बावजूद प्रशासन ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। प्रश्नपत्र लीक होने के परिणाम विनाशकारी हैं। इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत करने वाले लाखों छात्र अनिश्चितता की स्थिति में हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षाएं आयोजित करने में सरकार की विफलता हमारी शिक्षा प्रणाली में व्याप्त व्यवस्थागत खामियों को दर्शाता है। युवाओं को ऐसी सरकार चाहिए जो उनकी शिक्षा, भविष्य और कल्याण को प्राथमिकता दे।’’
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की राज्य सचिव संगीता दास ने आरोप लगाया कि हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार में प्रश्नपत्र लीक होना आम बात हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमने प्रश्नपत्र रद्द किए जाने के विरोध में 2019 में भूख हड़ताल की थी और आर. सी. जैन के इस्तीफे की मांग की थी। सुधारों की बात तो छोड़िए, असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एसईबीए) और परिषद को भंग कर दिया गया और एक बोर्ड का गठन कर दिया गया, लेकिन जैन के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई। भ्रष्ट अधिकारी फिर से एएसएसईबी का अध्यक्ष बन गया।’’
पिछले साल फरवरी में एसईबीए और असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (एएचएसईसी) को मिलाकर एक नया निकाय असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) का गठन किया गया था।
दास ने मांग की, ‘‘क्या शिक्षा मंत्री ऐसी गड़बड़ी की जिम्मेदारी लेंगे और इस्तीफा देंगे? मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए और तब तक जैन को निलंबित कर दिया जाना चाहिए और पेगु को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
सत्र मुक्ति संग्राम समिति (एसएमएसएस) के महासचिव प्रांजल कलिता ने दावा किया कि असम सरकार परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में दुनिया में रिकॉर्ड बनाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हिमंत विश्व शर्मा जब शिक्षा मंत्री थे वह तब से असम के छात्रों के जीवन से खेल रहे हैं। अब वह मुख्यमंत्री बनकर भी यही कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री पेगु को अपनी विफलता स्वीकार करनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।’’
एएएसयू के अध्यक्ष उत्पल शर्मा ने कहा कि गोपनीयता बनाए रखना किसी भी परीक्षा संस्थान का प्राथमिक कर्तव्य होता है, लेकिन एएसएसईबी परीक्षाओं का उचित संचालन करने में विफल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उचित जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। छात्रों को न्याय मिलना चाहिए।’’
भाषा प्रीति खारी
खारी
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)