Asia’s largest airport : नोएडा, यूपी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ शिलान्यास करने गौतम बुद्ध नगर आ रहे हैं। एयरपोर्ट की खासियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गौतम बुद्ध नगर में योजना और परियोजनाओं की बाढ़ सी आ गई है।
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एयरपोर्ट के चलते ही चार नए शहर बस रहे हैं। इतना ही नहीं कनेक्टिविटी को लेकर भी खूब चर्चाएं हो रही हैं। कारोबार के लिहाज से एयरपोर्ट को संजीवनी माना जा रहा है। इसी के चलते यूपी ही नहीं देश के दूसरे हिस्सों में भी जेवर एयरपोर्ट से जुड़ीं 5 खास बातों की खूब चर्चाएं हो रही हैं।
किसी भी शहर और दिशा से जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा गया है। यमुना एक्सप्रेसवे से एलिवेटेड सड़क सीधे एयरपोर्ट तक जाएगी। बल्लभगढ़ से बाईपास बनाकर दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
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इसी तरह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को भी यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़कर वाहनों को जेवर एयरपोर्ट का रास्ता दिया जाएगा।वेस्ट यूपी के शहरों को सीधे एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की मदद लेकर बुलंदशहर से एक नई सड़क तैयार की जाएगी। दिल्ली वालों की सहुलियत के लिए मयूर विहार से महामाया फ्लाई ओवर तक एलिवेटेड रोड तैयार हो रहा है
मेट्रो ट्रेन और पॉड टैक्सी के लिए बनेगा स्पेशल कॉरिडोर
सूत्रों की मानें तो जेवर एयरपोर्ट से आईजीआई, दिल्ली को जोड़ने के लिए बनाए जाने वाले स्पेशल मेट्रो कॉरिडोर की लम्बाई करीब 74 किमी होगी। इस कॉरिडोर का रूट भी लगभग तय कर लिया गया है। कॉरिडोर का रूट कई फेज में होगा। जेवर एयरपोर्ट से लेकर नॉलेज पार्क (ग्रेटर नोएडा) तक, नॉलेज पार्क से नोएडा और नोएडा से यमुना बैंक स्टेशन तक एलिवेटेड ट्रैक बनेगा। इसके बाद यमुना बैंक से नई दिल्ली (शिवाजी पार्क) तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर तैयार होगा। ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट तक पॉड टैक्सी चलाए जाने को भी अथॉरिटी की हरी झंडी मिल चुकी है।
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जेवर एयरपोर्ट पर ही होगा विमानों का मेंटनेंस
यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। लेकिन इसके साथ ही यहां देश का सबसे बड़ा हवाई जहाजों की मरम्मत करने का वर्कशॉप एमआरओ (मेंटिनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग) हब भी बन रहा है। इसी के चलते जेवर एयरपोर्ट पर 2 नहीं 5 रनवे बनाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ है। गौरतलब रहे अभी तक हवाई जहाजों के इंजन की मरम्मत का काम ज़्यादातर खासतौर से सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है। लेकिन अब सरकार के इस कदम से एयर एवियशन कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी और आर्थिक बचत भी होगी।
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कम समय में पहुंचेगा सामान
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब बनने के बाद वेयर हाउसिंग का पूरा सिस्टम विकसित किया जाएगा। वेयर हाउसिंग में 1500 से 2000 करोड़ रुपये का निवेश ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी करेगी। बाकी का पैसा सरकार लगाएगी। सीईओ का कहना है कि ग्रेटर नोएडा शहर की कनेक्टिविटी देश के दूसरे शहरों से कहीं बेहतर है। यहां पर दुबई और सिंगापुर जैसे पोर्ट की तरह इनलैंड कंटेनर डिपो भी बनाया जाएगा। जिसके जरिए कोई भी सामान भारत के किसी भी हिस्से में सिर्फ 15 घंटे में पहुंच जाएगा। ऐसा होने के बाद ट्रांसपोर्ट पर लागत भी कम आएगी।
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