ईटानगर, 19 नवंबर (भाषा) थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में एक संयुक्त अभ्यास किया। यह जानकारी एक रक्षा प्रवक्ता ने मंगलवार को दी।
प्रवक्ता ने बताया कि चार दिवसीय अभ्यास ‘पूर्वी प्रहार’ ने खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी, टोह लेने, त्वरित लामबंदी, तैनाती और संचालनात्मक साजोसामान में संयुक्त ढांचों की प्रभावशीलता को प्रमाणित किया।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अतुल श्रीधरन ने बताया कि सुरक्षा बलों ने अभियान की सफलता की गारंटी के लिए उच्च तकनीक वाले उपकरणों का उपयोग करते हुए सटीक हमला करने की क्षमताओं का प्रदर्शन किया, इसके अलावा सेना के तीनों अंगों के बीच एकीकरण की ताकत और अभियानों में जीत सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक विकसित नागरिक-सैन्य संलयन का प्रदर्शन किया।
उन्होंने बताया कि 14 से 17 नवंबर तक मेचुका में आयोजित अभ्यास में सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी और वायुसेना की पूर्वी कमान के एयर मार्शल आई.एस. वालिया ने हिस्सा लिया।
लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने अभ्यास में भाग लेने वाले सैनिकों द्वारा प्रदर्शित सटीकता की सराहना करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए संयुक्त संरचनाओं और तंत्रों के महत्व पर जोर दिया।
प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वी थिएटर में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार एकीकृत संयुक्त अभियान संचालित किया गया। उन्होंने बताया कि यह अभ्यास सुरक्षा बलों की ताकत का एक पूर्ण प्रदर्शन था, जिसमें एम-777 तोप, नौसेना के गश्ती और टोही विमान पी-8आई, ड्रोन, फर्स्ट-पर्सन व्यू (एफपीवी) ड्रोन और लोइटरिंग म्यूनिशन जैसे उन्नत हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया।
इसके अतिरिक्त, परिचालन प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए चिनूक और प्रचंड जैसे हेलीकॉप्टरों को भी लगाया गया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘संयुक्त अभ्यास का सफल निष्पादन न केवल बलों की संचालनात्मक तत्परता को मजबूत करता है, बल्कि राष्ट्र को यह आश्वासन भी देता है कि हम भविष्य में उत्पन्न होने वाली किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।’’
भाषा अमित प्रशांत
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