Approval to two new battalions of CISF : नई दिल्ली: भारत सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के विस्तार के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए दो नई बटालियनों के गठन को स्वीकृति दी है। प्रत्येक नई बटालियन में 1,025 कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी, जिससे सीआईएसएफ बटालियनों की संख्या 13 से बढ़कर 15 हो जाएगी। इस फैसले से कुल 2,050 नए पद सृजित होंगे। इन बटालियनों का नेतृत्व वरिष्ठ कमांडेंट रैंक के अधिकारी करेंगे और इनका उपयोग मुख्य रूप से आंतरिक सुरक्षा और उच्च सुरक्षा वाली जेलों के प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाएगा।
इस विस्तार से न केवल देश की सुरक्षा संरचना को मजबूती मिलेगी, बल्कि 2,000 से अधिक नई नौकरियां भी उत्पन्न होंगी। हाल ही में स्वीकृत महिला बटालियन के बाद यह नया कदम सुरक्षा बल की क्षमता और विविधता दोनों को बढ़ाएगा। इस विस्तार के साथ, सीआईएसएफ कर्मियों की कुल संख्या लगभग दो लाख तक पहुंचने की संभावना है।
Approval to two new battalions of CISF : रिजर्व बटालियन विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर्मियों से बनी होती हैं, जो उच्च सुरक्षा वाली जेलों और अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा में विशेषज्ञता रखती हैं। इन बटालियनों को अत्याधुनिक हथियारों और परिवहन सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे आपातकालीन स्थितियों में उनकी त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा। इसके अलावा, ये इकाइयाँ सार्वजनिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में भी अपनी भूमिका निभाएंगी।
सीआईएसएफ के महानिरीक्षक अजय दहिया ने इस विस्तार को मौजूदा कर्मियों के लिए राहतकारी बताया। उन्होंने कहा कि नई बटालियनों के निर्माण से वर्तमान कर्मियों पर काम का दबाव कम होगा और उन्हें अधिक साप्ताहिक अवकाश व छुट्टी के अवसर मिलेंगे। यह कदम सुरक्षा बल के संचालन को अधिक कुशल और मानवीय बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
Approval to two new battalions of CISF : सीआईएसएफ, जिसे 1968 में सीआईएसएफ अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की सुरक्षा करना था। वर्तमान में, यह बल औद्योगिक प्रतिष्ठानों, सरकारी भवनों, परमाणु और अंतरिक्ष केंद्रों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और ऐतिहासिक स्मारकों, जैसे ताजमहल, की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है। इसके अतिरिक्त, सीआईएसएफ सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के संगठनों को सुरक्षा परामर्श सेवाएं भी प्रदान करता है। यह विस्तार न केवल सीआईएसएफ की परिचालन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
बता दें कि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) भारत में एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जो गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है। 1969 में भारत की संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित, इसका प्राथमिक मिशन राज्य या निजी स्वामित्व वाली सुविधाओं सहित बड़े संस्थानों को सुरक्षा प्रदान करना है। समय के साथ, इसकी भूमिका में काफी विस्तार हुआ है। शुरुआत में औद्योगिक उपक्रमों की सुरक्षा पर केंद्रित, CISF अब हवाई अड्डों, बंदरगाहों, मेट्रो रेल नेटवर्क, सरकारी भवनों, ताजमहल और लाल किले जैसे विरासत स्मारकों के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और अंतरिक्ष सुविधाओं जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की भी सुरक्षा करता है। CISF को सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा में परामर्श सेवाएँ प्रदान करने के लिए जाना जाता है, और आपदा प्रबंधन के लिए इसका एक विशेष ‘फायर विंग’ है। हाल के अपडेट के अनुसार, CISF की ताकत 200,000 कर्मियों तक बढ़ गई है, जिससे यह वैश्विक रूप से सबसे बड़े औद्योगिक सुरक्षा बलों में से एक बन गया है।
MHA gives go-ahead for raising of 2 new battalions of CISF. This decision, coupled with the recently approved Mahila Battalion, will augment CISF capacity, strengthen national security & create new employment opportunities for over 2000 persons. CISF strength to now touch 2 lakh
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) January 14, 2025