रामनवमी की शोभायात्रा को रोकने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध किया जाएगा : शुभेंदु अधिकारी |

रामनवमी की शोभायात्रा को रोकने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध किया जाएगा : शुभेंदु अधिकारी

रामनवमी की शोभायात्रा को रोकने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध किया जाएगा : शुभेंदु अधिकारी

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Modified Date: March 18, 2025 / 08:11 PM IST
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Published Date: March 18, 2025 8:11 pm IST

कोलकाता, 18 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर निकाली जाने वाली शोभायात्रा को रोकने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध किया जाएगा।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर एक समुदाय को खुश करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस पद पर उनके दिन अब गिने-चुने रह गए हैं।

अधिकारी ने दावा किया, ‘‘हिन्दुस्तान में हिन्दू राज करेंगे और जो हिन्दुओं के लिए काम करेंगे, वे पश्चिम बंगाल में राज करेंगे। ममता बनर्जी अगर सत्ता में रहीं, तो राज्य की स्थिति बांग्लादेश जैसी हो जाएगी। उनके शासन के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। हिंदू अब एक समुदाय के प्रति उनके खुलेआम तुष्टीकरण और रामनवमी उत्सव को कुचलने के प्रयासों को स्वीकार नहीं करेंगे।’’

उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था कि छह अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर राज्य भर में 20,000 से अधिक शोभायात्राएं निकाली जाएंगी।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की तरह, पिछली दुर्गा पूजा के दौरान राज्य में हिंदू समुदाय के कई पूजा स्थलों में तोड़फोड़ की गई थी।

उन्होंने दावा किया, ‘‘ऐसी घटनाओं के पीछे जिहादी तत्व हैं और तृणमूल कांग्रेस के नेता उन्हें सहायता और बढ़ावा दे रहे हैं।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर सभी हिंदू एकजुट हो जाएं, तो तृणमूल कांग्रेस को मिट्टी में मिला देंगे।’’

होली के दिन बीरभूम जिले के सैंथिया में हुईं झड़पों का जिक्र करते हुए अधिकारी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार इसे छुपाना चाहती थी।

उन्होंने दावा किया, “होली के दिन सैंथिया में जिहादियों द्वारा दलितों पर हमला किया गया। लेकिन अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। सनातनियों के खिलाफ हिंसा को छुपाने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। विधानसभा में इस पर चर्चा तक नहीं होने दी गई।’’

अधिकारी ने कहा कि वह किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि वह तुष्टीकरण के खिलाफ हैं।

भाषा प्रीति दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)